तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2024 में आई हुई SURVIVAL, ADVENTURE और DRAMA MOVIE The Goat Life के बारे में 2 घंटे 53 मिनट की यह मूवी आपको रुलाने पर मजबूर कर देगी
फ्रेंड्स यह सिर्फ एक मूवी नहीं है यह एक रियल घटना पर आधारित है जब आप इस मूवी को देखेंगे और इस मूवी को फील करेंगे तभी आपको भी या फील होगा कि जिस आदमी पर यह चीज बीती होगी उसने किस तरह से झेल होगा
अक्सर लोग अपने सपने पूरे करने और अपने परिवार को खुशियां देने के लिए घर से बाहर तो निकल जाते हैं मगर घर वालों को यह पता नहीं होता है कि हमारा बच्चा हमारा पति सुरक्षित तो है या वह जो हमें पैसे लाकर दे रहे हैं वह किस तरह से कमाया जा रहा है मैं यह नहीं कहता कि बाहर जाकर काम करना और अपने परिवार को अच्छे मुकाम पर लाना कोई बुरी बात है मगर जो गलती इस मूवी में की गई है वह गलती शायद आप ना करें यह मूवी यही सिखाती है
इस वीडियो के बीच में मैं आपको उन सभी पॉइंट के बारे में बताऊंगा कि जो की इन लोगों ने कहां-कहां गलती की है जो आपको नहीं करनी चाहिए गल्फ कंट्री के अंदर
यह MOVIE 28 MARCH 2024 को MALYALAM, और हिंदी लैंग्वेज में STREEM कर दी गई थी अगर आप इस मूवी को वॉच करना चाहते हैं तो इस वीडियो के बीच में मैं आपको बता दूंगा कि आप इस मूवी को कैसे फ्री में देख पाएंगे तो प्लीज वीडियो को पूरा देखें
इस मूवी के स्टार कास्ट की बात करें तो Prithviraj Sukumaran है इस MOVIE में जिन्हें Najib के नाम से जानेंगे
Jimmy Jean-Louis है इस MOVIE में जिन्हें ibharim Khadiri के नाम से जानेंगे
K.r. Gokul है इस MOVIE में जिन्हें Hakim के नाम से जानेंगे
इस मूवी में और भी कलाकार है मगर यह मूवी इन्हीं लोगों के इर्द-गिर्द ही घूमती है
इस मूवी की शुरुआत में हम देखते हैं की नजीब और हकीम नाम के दो मलयालम लोग सऊदी अरेबिया के एयरपोर्ट पहुंचे हुए थे के जो कि घर से दूर होकर अच्छी नौकरी और बेहतर जिंदगी की तलाश में भारत से सऊदी अरेबिया आए थे ताकि वहां पर काम करके वह अपने घर वालों का भविष्य और बेहतर जिंदगी बिता पाए वह लोग इमीग्रेशन डिपार्टमेंट से अपने डॉक्यूमेंट को चेक करवाकर जब बाहर आते हैं तब उनकी बातों से हमको पता चलता है कि असल में जिस कंपनी के अंदर वो काम करने के लिए आए थे वहां से उन्हें कोई गाड़ी लेने के लिए आने वाली थी पर काफी देर होने के बावजूद भी लेने के लिए वहां पर कोई भी नहीं आता है और मलयाली होने की वजह से हकीम और नजीब को मलयालम भाषा के अलावा कोई और भाषा नहीं आती थी वो हिंदी बोलते तो थे लेकिन थोड़ी बहुत
सऊदी जैसी गल्फ कंट्री के अंदर बस अरबी और इंग्लिश भाषा बोला जाता है इसलिए वो दोनों किसी से बात करके हेल्प भी नहीं मांग रहे थे तब किस्मत से उन्हें एक आदमी मिलता है जो कि उनकी भाषा समझ रहा होता है जिसकी हेल्प से वो उस कंपनी में कॉल करते हैं जहां से वह लोग उनको लेने के लिए आने वाले थे मगर उस दिन कंपनी में कोई कॉल नहीं उठाता है तब वो आदमी बताता है कि आज फ्राइडे है और सऊदी में फ्राइडे वाले दिन सारे ऑफिसेज की छुट्टी होती है अब इस बात को जानने के बाद में नजीब और हकीम वहां से एयरपोर्ट के बाहर निकल आते हैं और वापस से वेट करने लगते हैं कि कोई तो उनको लेने आएगा उन्हें वहां पर इंतजार करते हुए रात हो जाती है तब वह अपनी तरह और भी काफी लोगों को देखते हैं जो कि अलग-अलग देशों से आए थे पर अजीब बात यह होती है कि उन सभी की कंपनीज वाले लोग वो उनको लेने के लिए आ गए थे
फ्रेंड्स पहली गलती यहां पर उन्होंने यह कि अगर आप जिस कंपनी के द्वारा सऊदी में या यूएई के अंदर इन किए हैं आप डायरेक्ट पुलिस से भी हेल्प ले सकते है और वह हंड्रेड परसेंट आपकी हेल्प करेंगे
बहुत ज्यादा देर होने के बाद वहां पर एक शेख आता है जिसका नाम कफील होता है कफील उन लोगों के पास आता है और उनका पासपोर्ट लेता है और कहता है कि जल्दी से बैठ जाओ मेरे गाड़ी में तो यह दोनों यही सोचकर बैठ जाते हैं कि शायद यह आदमी हमें हमारे कंपनी तक पहुंचा देगा क्योंकि इन लोगों को अरबी तो नहीं आती थी और ना ही इंग्लिश बोल पा रहे थे और हिंदी सामने वाला समझ नहीं पा रहा था कफील की लैंग्वेज अरबी थी इसी वजह से वो उससे ज्यादा बात नहीं कर पाते अब कफील उन्हें अपने साथ एक टेंपो में बैठाकर कहीं पर ले जाने लगता है और वो दोनों इस बात से बहुत ही ज्यादा शॉक्ड हो जाते हैं क्योंकि इंडिया के एजेंट वाले ने बोला था कि उन लोगों को एयरपोर्ट से पिक करने के लिए एसी बस आएगी पर अभी नजीब और हकीम इस बात पर ध्यान नहीं देते और बस सोचने लगते हैं कि उन्हें जल्दी से जल्दी अच्छे पैसे कमाकर अपने घर वापस जाना है
थोड़ी ही देर के बाद में कफील उन्हें लेकर एक रेगिस्तानी इलाके में आ गया था जहां आने के बाद वो एक और आदमी से मिलता है और अब वो हकीम को टेंपो से नीचे उतार कर उसे उस आदमी को सौंप देता है तब नजीब और हकीम दोनों में से किसी को कुछ भी समझ में नहीं आता लेकिन अब तक उनको इतना समझ में आ गया था कि वह किसी गलत आदमी के साथ आ गए हैं यहां पर उन्हें शक होता है कि जिस आदमी ने उन्हें इंडिया से गल्फ में भेजा है वह फर्जी था और वह कंपनी भी फर्जी थी इसके बारे में हम आगे बताएंगे
उसके बाद यहां पर कफील हकीम को दूसरे शेखों के हाथ हाथों बेच दिया था और हकीम को वहीं पर छोड़कर नजीब को लेकर निकल जाता है जिसके बाद उसने नजीब को भी एक दूसरे आदमी के पास छोड़ दिया था अब नजीब बहुत ही ज्यादा परेशान था क्योंकि ना तो उसके आसपास के लोग उसकी बात समझ रहे थे और व जिस इंसान के साथ अपने मुल्क से आया था वो भी उससे अलग हो गया और यही सब सोचते हुए वह परेशान होकर शेख के लगे टेंट के अंदर सो जाता है क्योंकि बाहर का मौसम ठंडा था
अगली सुबह जब उसकी आंख खुलती है तो शेख उसे मार कर वहां से भगा देता है और कहता है कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस टेंट के अंदर सोने की वह कहता है कि बाहर बहुत ठंड थी इसलिए मैं सो गया तो शेख कहता है अगली बार से तुम यहां नहीं सोना तुम्हें बाहर ही सोना है यह सब देखने के बाद नजीब को अपना घर याद आने लगता है वह अपने घर पर नदी से बालू निकालने का काम किया करता था तब वहां पर अपने ही एक साथी संतोष से उसके साले के बारे में पता चलता है जो कि सऊदी में ही काम करता था और और वह कहता है की अभी सऊदी का वीजा आसानी से मिल रहा है मगर तुम्हें एजेंट को लाख देना है तो वह तुम्हारे लिए वीजा का बंदोबस्त कर देगा फिर उसके बाद पैसे ही पैसे होंगे मगर नजीब के पास उतने पैसे तो नहीं थे लेकिन वह जानता था कि आजकल के समय पर लोग बाहर की कंट्रीज में जाकर अच्छा खासा पैसा कमाते हैं और बाद में उनके घर के हालात अपने आप सुधरने लगती हैं
बस यही सोच कर और एक उम्मीद पर नाजिम ₹100000 दे देता है वह यह सोचता है की एक बार अगर वह सऊदी पहुंच गया तो आगे चलकर वो भी एक अमीर इंसान बन सकता है वह अपनी बीवी साइनु के जेवर गिरवी रखकर संतोष के साले की मदद से अपना पासपोर्ट बनवाता है और उसे कंपनी में एप्लीकेशन देता है कि वहां पर जाकर वह उसमें काम करेगा अब आगे हम साइनु को देखते हैं जो कि प्रेग्नेंट थी साथ ही साथ नजीब और साइनु दोनों ही एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे
मगर प्यार से भूख और जरूरत नहीं मिट सकती है इसीलिए नजीब की वाइफ साइनु वह भी यही चाहती थी कि नजीब बाहर जाकर कुछ अच्छे पैसे कमाए और उन लोगों की जिंदगी संवर जाए
उसके बाद हम प्रेजेंट टाइम में आ जाते हैं उसकी मुलाकात उसी जगह मौजूद एक बहुत ही बूढ़े आदमी से होती है जिसको हिंदी आती थी और व वहां पर भेड़ों को चराने का और उनका दूध निकालने का काम करता था नजीब उससे टूटी-फूटी भाषा में बात करने की कोशिश करता है और तब वो बूढ़ा आदमी उसको दूध देकर कफील को देकर आने के लिए कहता है मगर नजीब को उसकी बात समझ नहीं आती और वह खुद उस दूध को पी लेता है जिस पर पहले तो बूढ़ा आदमी उसको डांटता है और फिर से वह दूध डालकर नाजिम को दूध कफील को देने के लिए कहता है
नाजिम कफील को दूध देकर वापस से उसको समझाने की कोशिश करता है कि व धोखे से वहां पर फंस गया है लेकिन कफील उसकी बात नहीं सुनता और अरबी भाषा में बूढ़े आदमी के पास जाकर काम सीखने के लिए कहने लगता है जिसको देखकर वापस से नजीब रोते हुए उसको सब कुछ समझाने लगता है मगर कफील उसकी बात नहीं सुनता और हंसता हुआ बस उसे काम करने के लिए कहता है नजीब बहुत ही ज्यादा परेशान था
तब कफील जूनियर वहां बहुत मोटी मोटी रोटी बनाता है और उसे नजीब को खाने के लिए देता है अब सब्जी ना होने की वजह से नजीब अपने हाथ में वह रोटी ले तो लेता है मगर वह उसे रोटी को का नहीं पा रहा था अरबी में रोटी को खाबूज बोलते हैं फिर वहां के मालिक मतलब कफील जिसे अरबी में अरबाब बोला जाता है वह उसे रोटी को पानी में डुबोकर खाने के लिए कहते हैं नजीब काफी दिनों से भूखा था इस कारण से उसे वह खानी पड़ती है और ऐसी हालत में रहना नजीब के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था वो यहां पर अपने परिवार की भविष्य को सुधारने के लिए आया था मगर बेचारे इसकी ही भविष्य बिगड़ गई नजीब जो जिंदगी अपने गांव में बिता रहा था उससे भी गंदी जिंदगी वहां पर थी पर नजीब वहां से जाना चाहता था इसलिए वह बूढ़े आदमी के पास जाकर उससे रोड के बारे में पूछता है और तब जाकर उसको पता चलता है कि रोड वहां से बहुत ही ज्यादा दूर है साथ ही साथ उस बूढ़े आदमी को तो यह तक याद नहीं है कि उसका नाम क्या है और वह खुद वहां पर कितने साल से फंसा हुआ है
अब यह सब जानकर तो नजीब की हालत खराब हो गई थी कि उसकी बीवी प्रेग्नेंट थी और वह घर पर पैसे नहीं भेज पाएगा और यहां पर नजीब बुरी तरह से फंस चुका है अब रात होने पर नजीब जब सोता है तो वापस से कहानी पास्ट में जाती है जहां पर साइनु और नजीब उसके सऊदी जाने से पहले एक दूसरे से अपने होने वाले बच्चे के बारे में बातें कर रहे थे वो दोनों अपने होने वाले बच्चे का नाम तक सोच लेते हैं जिसके बाद सीधा वो सीन आता है जहां पर नजीब हकीम के साथ अपने गांव से शहर की तरफ निकल रहा था ताकि वह एरोप्लेन से सऊदी जा पाए वहां पर वह साइनु और अपनी मां से खुद का ख्याल रखने को भी कहता है और हकीम के साथ निकल जाता है और इस तरह से यह लोग सऊदी अरेबिया में उतरे थे
खैर प्रेजेंट टाइम में जब अगले दिन सुबह नजीब की आंख खुलती है तो वो पानी लेकर टॉयलेट करने गया था लेकिन तभी अचानक से कफील जूनियर आकर उसे मारने लगता है और पानी छीनकर ले जाता है क्योंकि वो लोग वहां पर पानी पैसे से खरीदा करते थे और पानी वहां पर बहुत महंगा था और तब जाकर वो बूढ़ा आदमी नजीब को टॉयलेट करने के बाद रेत का इस्तेमाल करने को कहता है जिसको सुनकर तो नजीब को और भी ज्यादा जिंदगी बेकार लग रही थी तभी वहां पर पानी भरने वाला टैंकर आ चुका था जिसके ड्राइवर को देखकर नजीब उससे भी हेल्प मांगने की कोशिश करता है लेकिन वो भी उसकी कोई हेल्प नहीं करता यानी कि उसे ड्राइवर के लिए यह देखना रोज का था इतने में ही वहां पर कफील जूनियर वापस आकर नजीब को मारने लगता है और वो इस बार अपने साथ बंदूक तक लेकर आया था जिससे कि वो नजब को शूट करने ही वाला था कि तभी उनकी पानी की टंकी भर जाती है जिससे कि कफील जूनियर का ध्यान भटक जाता है अब पानी को देखकर नजीब वापस से अपने पुराने दिनों के बारे में सोचने लगता है यानी कि गांव के बारे में
तब हम देखते हैं कि नजीब साइनु के साथ गांव की नदी में आराम से नहाता था और दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे जहां गांव के अंदर उसके पास पानी की कोई कमी नहीं थी वहीं यहां पर रेगिस्तान में वह बूंद-बूंद के लिए मोहताज था इसीलिए किसी ने कहा है जो आपके पास है उसमें आपको खुश रहना चाहिए नहीं तो ज्यादा के चक्कर में जिंदगी बट से बेहतर हो जाती है
अगले दिन हम देखते हैं कि नजीब को मार कर उठाया जाता है और कफील उससे बकरी का दूध निकालने को कहता है और तब जाकर नजीब को समझ में नहीं आता कि आज वो बूढ़ा आदमी कहां चला गया साथ ही साथ नजीब को दूध निकालना नहीं आता था इसलिए बकरी उसको लात मार देती है तब कफील खुद उसको दूध निकालना सिखाता है और बाद में उसे भेड़ों को चारा देने के लिए भेज देता है ऐसे ही करते-करते कुछ दिन बीत जाते हैं और नजीब को रोज दूध निकालना पड़ता था साथ ही साथ भेड़ बकरियों को चारा देना पड़ता था क्योंकि उस दिन के बाद से वह बूढ़ा आदमी कहीं पर दिखाई नहीं दिया वो गायब हो गया था नजीब आगे जब अपनी शक्ल को एक गाड़ी के शीशे में देखता है तो उसको पता चलता है कि उसकी दाढ़ी बहुत ही ज्यादा बढ़ गई थी साथ ही साथ उसके हालात बहुत ही ज्यादा खराब थी उसको वहां पर आए हुए काफी महीने बीत चुके थे अब नजीब को यह भी याद नहीं था कि वो वहां पर कब आया कैसे आया उसे कितना समय वहां पर और रहना पड़ेगा पर जो भी था वो अपनी जिंदगी से परेशान हो चुका था और वह बहुत ही जोर से चिल्लाता है रोने लगता है और अपनी जिंदगी को खत्म करने का सोचकर एक ऊंची सी जगह पर चढ़ जाता है जहां से कूद कर वो मरना चाहता था लेकिन अचानक से ही उसकी नजर नीचे पड़ती है जहां पर कुछ गिद्ध किसी चीज को नोच नोच कर खा रहे थे
उसके बाद नजीब जब वहां पर जाकर देखता है तो उसको पता चलता है कि असल में वहां पर एक लाश थी जिसको ऐसे देखकर पहचानना तो मुश्किल था पर ध्यान से देखने पर नजीब को समझ में आता है कि व लाश असल में उसी बूढ़े आदमी की थी जो कि नजीब से पहले बकरियां चराया करता था यह देखकर नजीब बिल्कुल दंग रह जाता है और सोचता है कि हमारी भी कहानी ऐसी ही होने वाली है हम भी ऐसे ही किसी रेगिस्तान में पड़े हुए होंगे उसके बाद वह सभी गिद नजीब के ऊपर भी हमला कर देते हैं नजीब तो बूढ़े आदमी की ऐसी हालत देखकर बहुत परेशान और निराश हो चुका था वह खुद का फ्यूचर उसके अंदर देख रहा था वह तुरंत ही वहां से अपनी जान बचाकर भागता है उसको घर की बहुत याद आ रही थी
उसके बाद वह घर से लाए हुए उस आचार को सूंघता है जो कि साइनु ने उसे गांव से आते टाइम बांध कर दिया था तब वह डिसाइड करता है कि किसी भी हालत में वो अपने बच्चे और बीवी के लिए और मां के लिए वहां से बाहर निकल कर रहेगा इसलिए अब अगले दिन नजीब भेड़ों को चराने के बहाने थोड़ा दूर चला जाता है और वहां से भागने की कोशिश करने लगता है मगर कफील जूनियर की नजर उस पर पड़ जाती है जो कि तुरंत ही अपने ऊंट पर बैठकर उसका पीछा करता है और गोलियां चलाते हुए उसे रोकने की कोशिश करने लगता है अब नजीब बहुत ही ज्यादा कमजोर हो चुका था थक चुका था और जैसे ही वह थक कर बैठता है तो कफील जूनियर उसके पास आकर कर उसे वापस से बहुत मारता है और बाद में उसकी टांग को तोड़कर उसे भेड़ बकरियों की जगह पर बांध देता है और नजीब के साथ में जानवरों जैसा बर्ताव किया जा रहा था और जब उसे प्यास लगती है तो उसे ना चाहते हुए भी जानवरों के झूठे पानी को जानवरों की तरह ही पीना पड़ता है
यह कहानी हमें यहां पर यह बता रही थी कि जिंदगी कितनी मुश्किल हो सकती है अब इसके बाद कुछ और समय बीतता है और हम देख पाते हैं कि अब नजीब की दाढ़ी और भी ज्यादा बढ़ चुकी है साथ ही साथ कहीं ना कहीं अब उसको भी वहां पर रहने की आदत पड़ गई थी जैसे उसे पता हो कि लाख कोशिश करने के बावजूद भी वो वहां से निकल नहीं सकता क्योंकि हर तरफ रेत ही रेत थी लेकिन कहते हैं ना कि अंधकार चाहे कितना भी काला हो रोशनी की एक किरण ही काफी होती है उसे हटाने के लिए और नजीब के साथ भी ऐसा ही होता है एक दिन भेड़ चराते हुए अचानक से बारिश होने लगती है जो की गल्फ कंट्री में बहुत ही कम होती है यह कहें कि अगर जिस दिन बारिश हुई तो उसे दिन लोग बारिश को देखने और छूने के लिए निकलते हैं उसके बाद नजीब एक पहाड़ के नीचे जाकर खड़ा हो जाता है बारिश रुकने पर जब वह वहां से जा ही रहा था कि तभी अचानक से उसे एक गाने की धुन सुनाई देती है जो कि उसने पहले भी सुनी हुई थी जिसका पीछा करने पर उसके सामने हकीम आ गया था जो कि बहुत समय बाद उसे मिला था और वह खुद भी एक दूसरे कफील यानी अरबाब का गुलाम था और उसकी हालत भी ऐसी ही थी जैसे कि यहां पर नजीब की थी अब बारिश से बचने के लिए वो भी पास में ही रुक गया था उसको देखकर तो नजीब की खुशी का ठिकाना नहीं रहता वो दोनों गले लगा कर रोते हैं कि ये उनके साथ क्या हो गया था हकीम अब नजीब से बहुत बात करना चाहता था पर तभी अचानक से उसका कफील वहां पर आकर गुस्से में उसे वहां से लेकर चला जाता है पर जाते-जाते हकीम ने नजीब को वहां से साथ में भागने की सलाह दी थी मगर नजीब खुद नहीं जानता था कि वहां से भागना कैसे है पर कहीं ना कहीं आज इतने समय के बाद हकीम से मिलकर वो थोड़ा खुश हुआ था
कुछ दिन और बीत जाते हैं और अब नजीब को अचानक से हकीम की तरफ से एक लेटर मिलता है जिसको पढ़कर वो जान पाता है कि उस दिन जब हकीम नजीब से मिला था तब हकीम के कफील ने उसे बहुत ही ज्यादा मारा पर अभी के समय पर हकीम के पास एक इंसान है जो कि उन्हें उस जगह से बाहर निकाल सकता है क्योंकि वह काफी समय से वहां पर काम कर रहा था और उसको रोड पर जाने का रास्ता मालूम था यह बात जानने के बाद में नजीब हकीम से मिलने के लिए जाता है जहां पर हकीम आज अपने साथ इब्राहिम कादरी नाम के एक आदमी को लेकर आया था जो कि एक अफ्रीकन था और वह भी गुलामों की तरह रहकर परेशान हो चुका था तब उसकी बातों से हम जान पाते हैं कि कुछ ही दिनों के बाद में कफील के बेटे की शादी होने वाली है जिसमें सभी लोग जाने वाले हैं और उस दिन बस गुलाम यहां पर रह जाएंगे उसी दिन इब्राहिम अपने साथ हकीम और नजीब को लेकर भागने वाला था और अब होता भी बिल्कुल ऐसा ही है
जिस दिन कफील के बेटे की शादी होती है उस दिन गुलामों को छोड़ कर सभी लोग दावत पर चले जाते हैं जिनके वहां पर जाने के बाद सबसे पहले नजीब बहुत सारे पानी से नहाता है और अब इतने दिनों बाद वहां पर नहाकर वो बहुत खुश था क्योंकि जब से वह वहां पर आया था वह ना के बराबर नहाया था अब नजीब की बॉडी देखकर हम जान पाते हैं कि वह वहां रहकर बहुत ही ज्यादा दुबला पतला हो गया था और उसकी हालत बहुत ही ज्यादा बुरी थी क्योंकि वहां पर बस उसको इतना खाना दिया जाता था जितने वो जिंदा रह सके यानी कि यह लोग बिल्कुल भी पैसा खर्च नहीं करना चाहते थे जिसके बाद में नजीब वापस से उसी शर्ट को पहनता है जिसको पहनकर वो वहां पर आया था लेकिन पैंट पहनने वह बार-बार गिर रही थी क्योंकि नजीब की कमर काफी ही पतली हो गई थी तब वह बेल्ट की जगह पर एक रस्ती को बांधता है और सभी जानवरों को खाना देता है और सभी जानवरों से कहता है कि आज मैं यहां से जा रहा हूं तुम लोगों का ख्याल रखने के लिए कोई और आ जाएगा
इसके बाद नाजिम वहां से हकीम और इब्राहिम के साथ निकल जाता है वो तीनों आज बहुत ही ज्यादा खुश थे और वह तीनों रेत पर चलते ही जा रहे थे अब चलते हुए तीनों को बहुत ही ज्यादा प्यास लगी थी तब किस्मत से उन्हें एक और कफील का टेंट दिखाई देता है जिसको देखकर इब्राहिम वहां से पानी चुराने लगता है मगर तब वहां के कफील की नजर उस पर पड़ जाती है और वो उसके ऊपर अपनी बंदूक से फायर करने लगता है लेकिन जैसे-तैसे इब्राहिम वहां से अपनी जान बचाकर हकीम और नजीब के साथ निकल जाता है व तीनों एक जगह पर लेटकर सो जाते हैं
अगले दिन जब उनकी आंख खुलती है तो उनको वापस चलना पड़ता है लेकिन अब तक वह रोड के पास नहीं आए थे और अब और ज्यादा चलने के बाद उनको समझ में आता है कि वह अपने रास्ते से कल रात में जल्दी बाजी में भागते समय भटक चुके हैं और अब इब्राहिम को भी नहीं पता था कि उन्हें कहां पर जाना है दूर-दूर तक बस रेगिस्तान था और चारों तरफ रेत ही रेत थी जिससे बाहर निकलना मानो नामुमकिन सा लग रहा था हकीम की हालत बहुत ही ज्यादा बिगड़ने लगती है और उसे अपने सामने ढेर सारा पानी और एक ऊंट दिखाई देता है जिसको देखकर वह खुशी से उसकी तरफ दौड़ पड़ता है पर वहां पर मरे हुए ऊंट का कंकाल था भूख और प्यास से उनकी ऐसी हालत थी कि उन्हें यह लगता था कि अब मंजिल करीब है मगर जब वहां पहुंचते थे तो वहां कुछ भी नहीं मिलता था
वह मेंटली अपने सामने उन चीजों को इमेजिन करने लगता है जिसकी अभी सबसे ज्यादा जरूरत होती है अब आगे चलते हुए जब वो नवाज पढ रहे थे तभी अचानक से जमीन से ढेर सारे रेतीले सांप निकलते हैं जो की सबसे खतरनाक होते हैं इब्राहिम और हकीम तो वहां से जैसे-तैसे निकल गए थे पर नजीब वहां पर फंस गया था तब इब्राहिम उसे एक ही जगह पर खड़े रहने के लिए कहता है क्योंकि अगर वह 1 इंच भी दिला तो वह सांप उसे काट खाएगा जिससे उसकी मौत तुरंत हो जाएगी नजीब खड़े होने की कोशिश तो कर रहा था लेकिन वह बहुत ही ज्यादा डर भी रहा था लेकिन किस्मत से वह बच जाता है और सारे सांप वापस से रेत के अंदर घुस जाते हैं अब इन तीनों को चलते हुए 3 दिन हो चुके थे मगर अब भी वो रोड के पास नहीं पहुंचे थे चलते हुए नजीब के पैर में बहुत ही भयानक छाले पड़ जाते हैं और अब वह चल भी नहीं पा रहा था तब इब्राहिम अपनी जैकेट को फाड़कर उसके पैरों में बांधता है फिर उसके बाद वह तीनों आगे बढ़ने लगते हैं अब एक समय ऐसा आ गया था कि हकीम की हालत बहुत ही ज्यादा बिगड़ जाती है उसको तुरंत ही पानी पीना था और तब इब्राहिम उसको अपना पसीना पिलाता है क्योंकि उसे वक्त पानी उन लोगों के पास था ही नहीं और उन लोगों के होंठ और गले भी सूख रहे थे
उसके बाद हकीम को अपनी वही जिंदगी अच्छी लगने लगती है जिसको छोड़कर वह घर वापस जाने के लिए रेगिस्तान में भटक रहा था मतलब उसकी उम्मीद अब इस कदर टूट चुकी थी कि वह वहां से निकलने के बजाय उस जानवरों वाली जिंदगी को जीना पसंद कर रहा था फिर थोड़ा और आगे चलने पर एक बार वापस से हकीम वही इमेजिंग होने लगता है जो कि सामने नहीं है वह देखता है की उसके सामने बड़ी-बड़ी बिल्डिंग और खाना दिखाई दे रहा था तब व उस खाने पर टूट पड़ता है पर असल जिंदगी में हम देखते हैं कि वह रेत को खा रहा था और जब इब्राहिम और नजीब उसको रोकने की कोशिश करते हैं तब हकीम नजीब को मारने तक की कोशिश करता है यानी कि हकीम मेंटली डिस्टर्ब हो गया था भूख और प्यास से मगर रेत खाने की वजह से उसे खून की उल्टी होती है और मौके पर ही उसकी मौत हो जाती है जिसको देखकर अब नजीब की हालत और बुरी हो गई थी साथ ही साथ अब वह भी पूरी तरह से हिम्मत हार चुका था तभी इब्राहिम उसे संभालता है और इतने में ही वहां पर अचानक से रेत का तूफान आ जाता है जिसके अंदर वो दोनों फंस जाते हैं वो दोनों उसमें बच तो गए थे लेकिन अब हकीम की बॉडी रेत के नीचे कहीं पर दबकर रह गई थी और ना चाहते हुए भी दिल पर पत्थर रखकर अब नजीब को हकीम की बॉडी बिना ढूंढे ही इब्राहिम के साथ वापस जाना पड़ता है
अब चलते हुए इब्राहिम की हालत भी बिगड़ने लगी थी साथ ही साथ नजीब के पैर में इतने ज्यादा छाले हो गए थे कि उसके पूरे पैर दर्द से जल रहे थे अब अगले दिन नजीब की हालत भी मरने वाली हो चुकी थी तब इब्राहिम अपनी चिंता ना करते हुए नजीब को अपने जूते पहनने के लिए देता है लेकिन तभी इब्राहिम की नजर वहां पर एक छिपकली पर पड़ जाती है जिसको देखकर वह समझ गया था कि आसपास जरूर पानी होगा और थोड़ी बहुत छानबीन करने पर नजीब और इब्राहिम को वहां पर पानी मिल जाता है जिसको देखकर वह दोनों ही तुरंत उसकी तरफ भागते हैं आज इतने समय बाद जी भरकर वो पानी पीते हैं वो दोनों पानी को ऐसे पी रहे थे जैसे कि व अमृत हो साथ ही साथ इब्राहिम पानी को एक बोतल में भर लेता है और थोड़ा बहुत आराम करने के बाद वापस से नजीब के साथ आगे की तरफ निकल पड़ता है लेकिन अब और ज्यादा आगे जाने पर उन्हें यही दिखाई देता है कि आसपास रोड का कोई नामो निशान नहीं है जिसको देखकर अब इब्राहिम की हिम्मत भी जवाब दे जाती है और जब अगले दिन नजीब की आंख खुलती है तब तक इब्राहिम वहां से अकेले कहीं पर चला गया था पर जाने से पहले उसने नजीब के लिए वो पानी की बोतल छोड़ दी थी जिसको उन्होंने तालाब से भरा था
इब्राहिम के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है कि वह कहां गया सबको बाहर निकलने वाला ऐसे गम नहीं हो सकता है इसके बाद नाजिम उसे उसे रेगिस्तान में अकेला महसूस कर रहा था उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था पर तभी वो अपनी जान बचाने के लिए किसी मंजिल तराश रहे मुसाफिर की तरह आगे अपने सफर पर निकल जाता है उसे चलते हुए और भी काफी समय बीत गया था साथ ही साथ अब उसके पास जो पानी था वो भी खत्म हो जाता है वो उस पानी की आखिरी घूंट को ऐसे पीता है जैसे उसको आखिरी बार जिंदगी में पानी पीने को मिल रहा हो जिसको पीने के बाद वह वापस से जैसे तैसे खड़ा होता है और आगे बढ़ने की कोशिश करता है पर तब तक उसकी हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि वह चल भी नहीं पा रहा था और वह नीचे गिर पड़ता है
उसके हाथ से अब पानी की बोतल गिरकर लुड़कते हुई आवाज करती है जैसे कि कि वह किसी सख्त रोड पर गिरी हो जिसको देखकर नजीब की खुशी का ठिकाना नहीं रहता उसके अंदर अचानक से एक शक्ति आ जाती है और वह फाइनली रोड के पास पहुंच जाता है जहां से उसकी जान बच सकती थी वो वहां पर पहले एक ट्रक वाले से मदद मांगने की कोशिश करता है लेकिन वह ट्रक वाला उसकी हेल्प नहीं करता पर तभी वहां पर एक बहुत ही महंगी गाड़ी आकर रुकती है जो कि रोल्स रॉयल थी जिसके अंदर से एक शेख निकलकर नजीब को अपनी गाड़ी में बैठता है और उसे पानी पिलाने के बाद उससे अच्छे से बात करते हुए अपने साथ शहर की तरफ लेकर जाने लगता है नजीब वहां से निकलकर बहुत ही ज्यादा खुश था उसने ऐसा सोच लिया था कि वह अपनी जिंदगी में वहां से कभी भी निकल नहीं पाएगा उसने सारी उम्मीद छोड़ दी थी पर अब वह फाइनली शहर तक आ गया था जहां पर आकर वह आसपास भटकने लगता है
तब वहां पर किस्मत से उसकी मुलाकात कुंजिका से होती है जो कि खुद एक मलयाली था और सऊदी में खुद का होटल चला रहा था नजीब की हालत देखने के बाद वह तुरंत उसकी हेल्प करता है और उसको नहलाने धुलने के बाद उसके घर वालों को पता करके नजीब की बात उनसे करवाता है नजीब को यहां पर आए हुए 4 साल बीत गए थे और 4 साल बाद वह अपने घर वालों से बात करता है नजीब की आंखों में आंसू आ गए थे तब उसको पता चलता है कि उसको बेटा हुआ था जिसको साइनु नजीब की याद में अकेले पाल रही है मतलब कि नजीब ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह अपनी बीवी की आवाज सुनेगा कभी वह जान भी पाएगा कि उसको बेटा हुआ है या बेटी मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर थी यह सब बातें जानने के बाद नजीब डिसाइड करता है कि वह किसी भी हालत में अपने घर जाएगा
मगर उसके पास इस वक्त कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं थे इसलिए उसे नाजिम के ही जैसे भटके हुए लोगों के साथ जेल में रख दिया जाता है जो कि अपने कफील के पास से भाग कर आया करते थे इन सभी लोगों का पासपोर्ट और जितने भी डॉक्यूमेंट थे वह सभी तो कफील ने रख लिए थे कफील पुलिस स्टेशन में इब्राहिम की फोटो को देखता है उसके अलावा उसके बारे में कोई और इंफॉर्मेशन नहीं थी कुछ ही समय के बाद में जेल के अंदर कुछ काफीलो को बुलाया जाता है और वहां का यह रूल
था कि अगर कोई भी कफील वहां पर मौजूद अपने किसी भी गुलाम को पहचान लेता है तो वह उसे अपने साथ वापस लेकर जा सकता था और ऐसा होने पर कफील अपने गुलाम को जेल के अंदर बहुत ही ज्यादा मारा पीटा करते थे और बाद में वो अपने साथ बेइज्जत करते हुए जानवरों की तरह लेकर जाया करते नाजिम बहुत ही ज्यादा डरा हुआ था पर तभी उसका डर एक बुरे सपने में बनकर उसके सामने आता है अचानक से ही उस जेल के अंदर वही कफील जूनियर आ गया था जो कि नाजिम को पहचान लेता है और उसे आकर बहुत मारता है पर तभी नाजिम को होश आता है और वह देखता है कि वहां पर कफील जूनियर है तो सही पर वो आगे निकल गया था लेकिन अचानक से ही कफील जूनियर वापस आता है और तब उसकी बातों से हम जान पाते हैं कि असल में सबसे पहली बार मतलब कि आज से लगभग 4 साल पहले जब कफील जूनियर हकीम और नजीब को अपने साथ लेकर गया था तो वो उनके साथ धोखा करके उन दोनों को अपने साथ लेकर गया था यानी कि वो तो लीगली यहां पर आए थे काम करने के लिए उनकी कंपनी वाले भी अगले दिन उनको लेने आए होंगे लेकिन तब तक धोखे से कफील जूनियर उनको अपना नौकर बनाकर लिया क्योंकि लैंग्वेज प्रॉब्लम बहुत ज्यादा थी
उनको कुछ भी पता नहीं था और इस कफील जूनियर को इस इल्लीगल काम के बारे में पता था कि वो गलत कर रहा है पर वो एक तरह से गुलामों का दलाल था इसलिए उसने ऐसा किया लेकिन नजीब उसका ऑफिशियल गुलाम नहीं था और वो उनको धोखे से लेकर गया इसलिए यह रूल उस पर लागू नहीं होते थे और इसलिए कफील जूनियर का उस पर कोई हक था ही नहीं और अब वो उसको वहां से लेकर नहीं जा सकता था जिसके बाद में नजीब बहुत रोने लगता है और अब 3 महीने तक नजीब को जेल में रखा जाता है और बाद में सभी डाक्यूमेंट्स को बनाकर वापस इंडिया भेज दिया जाता है यानी कि नजीब यहां से एक चीज सीख कर जा रहा था जो उसके पास है अब उसे उसी में खुश रहना है ज्यादा की उम्मीद में जो अभी मिल रही है वह भी खो जाती है और यहीं पर यह मूवी खत्म हो जाती है
यह कहानी 2008 में आई हुई बेस्ट सेलिंग मलयालम नोवल से इंस्पायर होकर बनाई गई है यह कहानी नजीब के रियल लाइफ से इंस्पायर है जो कि उनके साथ हकीकत में हुआ था इस मूवी की एक और रियलिटी है इस मूवी को बनाने में 16 साल लग गया क्योंकि इस मूवी में स्टार्टिंग में नजीब कीबोर्ड और उसकी हेल्थ को आप देखेंगे और उसके बाद कि आप हेल्थ को देखेंगे तो यह सब कुछ कुछ महीनो का खेल नहीं है मूवी की शुरुआत में उनकी वेट 98 क की थी और लास्ट में उनकी वेट सिर्फ और सिर्फ 55 क की रह गई 4 साल अगर कोई आदमी भीड़ बकरियों के बीच में रहे तो उसकी क्या हालत होगी इस चीज का अंदाजा हम लगा नहीं सकते हैं
दोस्तों हर साल हजारों लोग इसी तरह से स्कैम्स का शिकार होते हैं जिसके अंदर उन्हें जॉब का बहाना देकर आउट ऑफ कंट्री भेजा जाता है अब तो काफी सारी सुविधा हो चुकी है मगर एक बार फिर से कहता हूं कि अगर आप कोई भी गर्ल्स कंट्री जा रहे हैं तो कम से कम थोड़ी बहुत इंग्लिश सीखकर आपको जानी चाहिए ताकि कोई भी प्रॉब्लम हो तो सामने वाले अरबी बंदे को भी आप समझ पाए अंत में मैं आपको यही कहना चाहूंगा की एक बार आप इस मूवी को जरूर देखें आपको यह मूवी जिंदगी से रूबरू करा देगी
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