नमस्कार मैं उमंग राजपूत और आप देख रहे हैं Instant Solution के इस Blog में आप सभी का स्वागत करता हूं फ्रेंड आज हम बात करेंगे घड़ी में टिक टिक की आवाज क्यों आती है / GENERAL KNOWLEDGE IN HINDI QUESTION ANSWER / GK IN HINDI
घड़ी में टिक टिक की आवाज क्यों आती है आप जब भी घड़ी पहनते हैं या जिस कमरे में आप बैठे हो वहां एक दम शांत हो तो आपने गौर किया होगा कि आपको घड़ी में टिक-टिक की आवाज आती है, जो लगातार सुनाई देती रहती है। कभी-कभी ऐसा भी होता है जब आपकी घड़ी बंद हो या समय ठीक न दिखा रही हो तो आप उसको अपने कान के पास लगा कर दखते हैं कि कहीं खराब या बंद तो नहीं हो गई।
क्यों आती है घड़ी मे से टिक-टिक की आवाज
आखिर घड़ी में से ये आवाज क्यों आती है और इससे क्या होता है ये सवाल तो दिमाग में आती ही होगी । चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों होता है। सबसे पहले ये जान लें कि घड़ी के अंदर से ये आने वाली आवाज बैलेंस व्हील के दो फोर्क की घूमते हुए पहिए से बारी-बारी से टकराने की होती है। वैसे अगर घड़ी की इस आवाज की बात करें तो इस आवाज को हर कोई अपने अलग अंदाज में बताते हैं। इसके अलावा ये घड़ी की बनावट पर भी काफी हद तक आधारित होता है।
घड़ियों के आकार के फर्क से भी आती है आवाज
अगर घड़ी छोटी है तो ये बेहद हल्के स्वर में टिक-टिक सुनाई देगी । वो भी जब आप घड़ी को अपने कान के पास लगाएंगे तब।
कुछ घड़ियां थोड़ी बड़ी होती है उनमें से टिक-टॉक की आवाज आती हैं क्योंकि उसका एक तो आकर छोटी घड़ी से छोड़ा बड़ा होता और उनकी सुइयों के आकार में भी बेहद अंतर होता है जिससे आवाज में काफी फर्क आ जाता है। तीसरी कुछ घड़ियां कुछ ज्यादा ही पूरानी और बड़ी होती हैं जैसे कि ज्यादातर फिल्मों में दिखाई जाती हैं।
तकनीकी तौर पर कहते हैं साउंड ऑफ एसकैपेमेंट
इसमें घंटा भी होता है उनमें ये आवाज ज्यादा भारी बन कर निकलती है। जैसे- टक टक। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन घड़ियों का का आकार बेहद बड़ा और भारी होता है। इसलिए उनके समय बताने वाली सुइयों में भी काफी फर्क होता है। इसलिए जब घड़ी के अंदर की मशिने घूमती है तो उनकी आवाज तेजी से आती है। इसके अलावा अगदर बात तकनीक कि की जाए तो तकनीकी तौर पर उसे साउंड ऑफ एसकैपेमेंट (Sound of Escapement) कहते हैं।
एस्केप व्हील और बैलेंस व्हील को करता है नियंत्रित
तकनीकी तौर पर देखने पर आपको पता चलेगा कि नीचे जो पीला पहिया घूम रहा होता है उसे एस्केप व्हील (Escape wheel) कहते हैं और उसके घूमने की गति को ऊपर वाला बैलेंस व्हील (Balance wheel) के दो फोर्क नियंत्रित करते हैं। यानि कि नीचे का पीला पहिया घड़ी के बाकी कांटों या सुइयों से जुड़ा रहता है और इस तरह से घंटा, मिनट और सेकंड का समय नियंत्रित होता रहता है और आपको आवाज से पता चलता रहता है।
इसलिए भी आती है अलग-अलग आवाज
वहीं अगर घड़ी तेज़ चल रही हो तो ऊपर वाला बैलेंस व्हील (Balance wheel) के दोनों फोर्क के कंपन की गति को कम कर देते हैं। यही दोनों फोर्क (Pawl) जब नीचे वाले पहिए के कोंतों या सुइयों से टकराते हैं तो एक बार टिक दूसरी बार टॉक की आवाज आती है।
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