तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2023 में आई हुई ACTION CRIME DRAMA और THRILLER MOVIE KILL के बारे में 1 घंटे 45 मिनट की यह मूवी मारधाड़ एक्शन और स्टोरी को देखकर कहीं पर भी ऐसा नहीं लगेगा कि आप बोर हो रहे हैं
आज से कुछ साल पहले एक लड़के ने कहा था मैं जिस दिन सही तरीके से आऊंगा उस दिन लोगों को बताऊंगा कि वायलेंस क्या होता है और 4 साल बाद एनिमल ने वो प्रॉमिस पूरा भी कर दिया और इससे भी ज्यादा सरप्राइज क्या होता है कि जब कोई बिना बताए आ जाए जिससे कि आपको थोड़ी सी भी उम्मीद ना हो वायलेंस क्या होता है सिर्फ और सिर्फ डेढ़ घंटे में ही आपको पता चलने वाला है बॉलीवुड में बनने वाली ऐसी फिल्म जिसके लिए इंडियन ऑडियंस बिल्कुल ही तैयार नहीं है के कहा जाता है कि कोई भी मूवी स्टोरी के साथ-साथ रोमांस पर भी डिपेंड करती है मगर इस मूवी को देखकर आपको यह लगेगा की ना ही तो रोमांस है और ना ही अच्छे गाने फिर भी यह मूवी सुपरहिट है
KILL का प्रीमियर टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 7 सितंबर 2023 को हुआ, था जहां पर यह मूवी People's Choice Award: Midnight मैडनेस के लिए फर्स्ट रनर-अप रही। फिर उसके बाद जून 2024 में Tribeca Film Festival में भी दिखाया गया इस मूवी को इसके बाद 4 जुलाई 2024 को HINDI और Telugu लैंग्वेज में हमारे नजदीकी सिनेमाघर पर रिलीज कर दी गई थी अगर आप इस मूवी को वॉच करना चाहते हैं तो इस वीडियो के बीच में मैं आपको बता दूंगा कि आप इस मूवी को कैसे फ्री में देख पाएंगे तो प्लीज वीडियो को पूरा देखें
इस मूवी के स्टार कास्ट की बात करें तो Lakshya है इस MOVIE में जिन्हें Amrit Rathod के नाम से जानेंगे
Raghav Juyal है इस MOVIE में जिन्हें Fani के नाम से जानेंगे
Tanya Maniktala है इस MOVIE में जिन्हें Tulika Singh के नाम से जानेंगे इनके अलावा और भी किरदार इस मूवी में दिखाई देंगे
इस मूवी के डायरेक्टर Nikhil Nagesh Bhat और WRITER Nikhil Nagesh Bhat और Ayesha Syed है
मूवी की शुरुआत में हम एनएसजी कमांडो अमृत राठौड़ को देखते हैं जो कि बहुत दिनों बाद लौटा है एक मिशन से जब वह अपना फोन ऑन करता है तो उसकी लवहर तूलिका सिंह के मैसेजेस उसके फोन पर आए हुए होते हैं जिसमें वह बताना चाह रही थी कि उसके पिता ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी है और कल ही उसकी सगाई है अमृत अपने दोस्त वीरेश चटवाल जो कि वो भी आर्मी में ही था उसके साथ पहुंच जाता है रांची जहां तूलिका की सगाई होनी थी और उससे मिलकर कहता कि चलो भाग चलते हैं तो तूलिका कहती कि मेरे पापा बहुत पहुंचे हुए इंसान हैं वो मार डालेंगे हम दोनों को अमृत कहता है तुम मेरे साथ जीने के लिए मरी नहीं जा रही हो तो इस बात पर तूलिका कहती कि तुम्हारे साथ रहने के लिए मरना जरूरी है क्या हमको तो तुम्हारे साथ जीना है कैप्टन राठौर यह सुनकर अमृत तूलिका को भगा ले जाने का मिशन कैंसिल कर देता है थोड़ी देर बाद अमृत को तूलिका का मैसेज आता है कि वो कल ट्रेन से दिल्ली निकल रही है तो वहीं मिलते हैं
अब हम फनी नाम के एक लड़के को देखते हैं जो कि पेट्रोल पंप में काम करता है और उसके मोबाइल पर उसके पापा का फोन आता है जिससे कि वह जल्दी बाजी में प्लेटफॉर्म जाकर एक ट्रेन में चढ़ जाता है और साथ में उसके जानने वाले कुछ और लोग भी चढ़ते हैं फनी के पिता फनी को कॉल करके उस पर गुस्सा करते हैं और कहते हैं कि फोन जब उठाना नहीं होता है तो रखते क्यों हो हम क्रॉसिंग पर खड़े हैं आधे घंटे हैं तुम्हारे पास बोगी नंबर क्या है बताओ फनी की नजर तूलिका पर पड़ती है तो वो उससे ही पूछ लेता है बोगी नंबर अमृत तूलिका से दिल्ली में मिलने वाला था लेकिन वो ट्रेन में ही आ जाता है उससे मिलने और उसे वॉशरूम के अंदर ले जाकर शादी के लिए प्रपोज कर देता है तो तूलिका खुशी-खुशी उसे हां कह देती है अमृत के साथ उसका दोस्त वीरेश भी आया हुआ था और फिर तूलिका और अमृत के बीच मैसेजेस में बातें हो रही होती हैं सोहेल नाम का एक लड़का उनसे कहता है कि आप आर्मी में हो ना मेरा भी बहुत मन है आर्मी में जाने का लेकिन मेरी मम्मी मुझे जाने ही नहीं दे रही रात में तूलिका की बहन अहाना को बाथरूम जाना होता है तो मम्मी कहती हैं कि बॉडीगार्ड विराट को ले जाओ लेकिन वो नहीं ले जाती है और खुद ही चली जाती है उसके बाद एक साथ कुछ लोगों को फोन में मैसेज आता है तो वो सब उठ खड़े होते हैं और सेम टाइम पे फनी को भी मैसेज आता है फनी एक पुलिस वाले से बात कर रहा था तो मौका देख उसके सर पर चाकू मार उसकी खोपड़ी खोल देता है दो-तीन आदमी फोन जैमर सेट कर देते हैं ताकि कहीं से भी कॉल या मैसेज ना कर पाए बीच में जो आने-जाने का रास्ता होता है वो लोग बंद करके ताला लगा लगा देते हैं ताकि कोई बीच वाली बोगियों में आ ना पाए जो लोग चढ़े थे फनी के साथ ट्रेन में वो सबको मारते पीटते हुए लूटपाट शुरू कर देते हैं और मेन आदमी फनी था और अब समझ में आता है कि ये सब डकैत हैं फनी को तूलिका फिर से दिख जाती है तो वो उसके साथ बदतमीजी से बात करने लगता है तो उसके पिता कहते हैं कि पूरी झारखंड की पुलिस तुमको ढूंढ के मारेगी समझे तमीज में रहो तुम्हें अंदाजा भी नहीं है तुम किससे उलझ रहे हो फनी के चाचा बताते हैं कि शांति ट्रांसपोर्ट का मालिक बलदेव सिंह ठाकुर है फिर उसके बाद उनका बॉडीगार्ड उन्हें बचाने आता है तो फनी तुरंत उसका गला काट उसे मार डालता है
फनी कहता है यह तो जैकपॉट लग गया भाई इन्हीं को लेके उतरते हैं फिर मालामाल हो जाएंगे हम वो सभी लोग अमृत और वीरेश से भी उसका मोबाइल और वायलेट मांग लेते हैं और वह लोग दे देते हैं कुछ नहीं करते हैं बस देख रहे होते हैं कि क्या हो रहा है मौका देखकर दोनों लोग तूलिका की बोगी में जाने के लिए निकल लेते हैं फनी तूलिका के साथ जबरदस्ती
कर रहा होता है लेकिन तभी अमृत वहां आ जाता है और उसको एक लात मारता है फनी का चाचा तूलिका की मां को मारने जा रहा था लेकिन इससे पहले वीरेश ही चाकू घोप के उसे मार डालता है हम फनी और उसके चचेरे भाई रवि को अच्छे से धोता है और कहता कि चुपचाप निकल जाओ यहां से तो वो उस वक्त वहां से चले जाते हैं ट्रेन की चैन उन लोगों ने काट दी थी तो चैन खींच के ट्रेन नहीं रुक सकती थी अहाना अभी तक वॉशरूम से नहीं लौटी थी तो अमृत उसे ढूंढने जाता है और तूलिका के परिवार को भी साथ ले जाता है ताकि उन पर फिर से हमला ना हो फनी और आदमियों के साथ वापस आता है चाचा के पास जो कि मर चुके थे अमृत तूलिका और उसके परिवार को दूसरी तरफ भेज देता है सब गुंडे कहते हैं कि बेनी भैया को बताना होगा कि उनका भाई मर गया तो फनी कहता कि कोई भी पापा को कॉल नहीं करेगा और ना ही कोई उन्हें मारेगा उनको मारेगा तो सिर्फ चाचा का बेटा रवि ही रवि गुंडों के साथ आगे बढ़ता है अमृत और वीरेश को मारने के लिए लेकिन ये दोनों आम सिविलियन नहीं थे बल्कि आर्मी कमांडो थे तो वो इन सबको पीटना शुरू करते हैं बिना देखे कि किसको कहां लग रहा है फनी एक बच्चे को बंदी बना लेता है तो उनको रुकना पड़ता है और फिर फनी वीरेश पर गोली चला देता है जो कि उसके कंधे पर जा लगती है जहां गोली लगी फनी वहीं पर चाकू घुसा देता है और फिर उसको बंदी बना के अपने साथ ले कर चला जाता है
अमृत ने रवि को पकड़ लिया था तो तूलिका के पिता के साथ मिलकर अमृत रवि को बांध के ट्रेन की गेट से लटका कर सब कुछ उगलवा लेता है कि कितने लोग हैं किस-किस बोगी में है तो रवि बताता है कि करीब 36 लोग थे वो b1 a1 a2 और a3 कोच पर उन्होंने कब्जा कर रखा था अहाना बी वन बोगी में थी और बाकी लोगों की तरह बैठी हुई थी डरी सी हुई उस बोगी का जैमर बंद करके वो बेनी को फोन करके सब कुछ बता देते हैं और क्रॉसिंग आने पर ट्रेन की चैन खींचकर ट्रेन स्लो कर देते हैं तो बेनी और भी लोगों के साथ ट्रेन में चढ़ जाता है अमृत रवी को अंदर करके गेट बंद कर लेता है ताकि वहां से कोई भी ना चढ़ पाएं बेनी वरेश को लातों से मारते हुए उसे गोली मारने जा रहा होता है तो फनी उसे रोक लेता है और कहता कि चाचा बलदेव सिंह की वजह से मरे हैं फनी सामने से जाने के बजाय ट्रेन के ऊपर से चढ़ के वहां जाने की कोशिश करता है जहां अमृत था ट्रेन की रफ्तार जब तेज हो जाती है तो अमृत रवि को फिर से लटका देता है अमृत तूलिका को चाकू देता है ताकि जरूरत पड़ने पर वो उसका इस्तेमाल कर सके तूलिका के पिताजी को थोड़ा बहुत तो समझ में आ ही गया था कि इनके बीच कुछ तो है पर माहौल ऐसा था कि इस बात पर बात करना अभी जरूरी नहीं था तूलिका अमृत से कहती कि प्लीज अहाना को ढूंढ के ले आना जान है वो हमारी अमृत वादा करता है कि वो उसे ढूंढ कर ले आएगा
तूलिका के पिताजी बोगी के बीच वाला गेट बंद करके ताला लगा लेते हैं ताकि इधर कोई आने ना पाए और अमृत उधर साइड जाने लगता है वरेश को वापस लाने 6 लोग आते हैं अमृत को घेर कर मारते हैं तो अमृत उन सबको मारते जा रहा था और उसे भी चोटें लग रही थी फिर वहां आता है एक हट्टा कट्टा बड़ा सा आदमी जिसका नाम था सिद्धि तो व अमृत को बहुत मारता है और उसे पकड़ के बेनी के पास लेकर चला जाता है
तूलिका के पिताजी तूलिका से कहते हैं कि बताया क्यों नहीं हमें इस लड़के के बारे में तो तूलिका मुंह बना के कहती कि बता के क्या करते कर तो लिया ना सगाई जहां बोले बेनी अमृत को मुक्के प मुक्का मारे जा रहा होता है कि तभी हाथ पैर बंधे होने के बाद भी वीरेश गुंडों को मारने लगता है तो मौका देख अमृत भी लग जाता है उनको कूटने में बैनी वरेश को मारने ही जा रहा होता है कि तभी सोहेल उसका हाथ पकड़ लेता है तो बेनी उसे मारने लगता है तो उसे बचाने उसका दोस्त आरिफ आ जाता है वीरेश को सिद्धि पकड़ लेता है और उसे पीटने लगता है सिद्धी आरिफ को उसके पेट में चाकू घुसा कर बेरहमी से मार डालता है
यह लोग ऐसे किसी को मार रहे थे कि जैसे की खूंखार दरिंदे हो किसी को मारने से पहले एक बार भी नहीं सोचते थे और उस बेचारे मासूम बच्चे को मार दिया वरेश सिद्धि को मारने लगता है तो बेनी पीछे हंसिया से उसके कंधे पर हमला कर उसे मारने जा रहा होता है लेकिन तभी अमृत उसे मुक्का मार के किनारे कर देता है अमृत को बहुत बुरा महसूस हो रहा होता है कि उन्हें बचाने के चक्कर में नौजवान लड़का मारा गया उधर फनी को रवि दिखाई पड़ता है टंगा हुआ तो उसी गेट से वो अंदर घुस जाता है सोहेल हंसिया उठाकर सिद्धी के ऊपर हमला करने के लिए आगे बढ़ता है पर सिद्धि हंसिया छीन उसे मारने जा रहा होता है लेकिन अमृत हिम्मत जुटा के सिद्धि से लड़ते हुए उसे बचा लेता है सिद्धि अमृत का गला दबा रहा था तो अमृत उसकी उंगली तोड़ देता है और तब जाक कि वो थोड़ा सा कमजोर पड़ता है
तूलिका के पिताजी फनी पर हमला करते हुए तुलिसा को चाबी दे देते हैं तो तूलिका गेट खोलकर भाग जाती है पर फनी उसका पीछा करता है सिद्धि कमजोर पड़ा लेकिन फिर से पट्टी बांधकर अमृत को फिर से पकड़ लेता है तूलिका उस बोगी तक आ जाती है जहां अमृत था लेकिन पीछे से फनी आ जाता है तूलिका को नहीं आता था किसी को मारना लेकिन वो फिर भी उल्टा सीधा चाकू चलाने लगती है तो फनी को चाकू लग जाता है तो फनी गुस्से मैं चाकू उसके पेट में घुसा देता है फिर चाकू से उसके पीठ पर उसके गले पर हमला करते हुए उसे ट्रेन से नीचे फेंक देता है अमृत रो रहा होता है गिड़गिड़ा रहा होता है उसे रोकने के लिए लेकिन वो कुछ नहीं कर पाता है उसका प्यार उसकी जिंदगी उसकी आंखों के सामने से ओझल हो जाती है यह हादसा वो बर्दाश्त नहीं कर पाता और बेहोश हो जाता है अमृत को जब होश आता है तो देखता है कि उन लोगों ने वरेश और सोहेल को पकड़ के रखा हुआ है और ट्रेन से फेंकने वाले हैं हैं तूलिका के पिताजी भी सदमे में चले गए थे
फनी अपने मामा से कहता कि इनकी फैमिली को ढूंढो और 5 मिनट के अंदर हमें उतरना है अमृत को तुलिता के हाथ की छाप दिखाई पड़ती है खून से लखपत तो उसका खून खौल उठता है कि कितनी बेरहमी से उसके प्यार को मार डाला अमृत तुरंत एक गुंडे का सर मरोड़ के उसे मार डालता है और दूसरे गुंडे को चाकू घुस कर के खत्म कर देता है और गुंडे आते हैं तो वो उन सबको चाकू से मार मार के उनके शरीर में तीन-चार एक्स्ट्रा छेद बना देता है फिर उसके बाद वहां रवि आता है उसे मारने पर फनी उसे लेके चला जाता है क्योंकि कि उसे भी समझ आ गया था कि अमृत के सामने जो आएगा वो बचेगा नहीं अमृत एक गुंडे के मुंह पर फायर एक्सटिंग्विशर मार मार के उसके मुंह का कचुंबर बना देता है
फिर आगे बढ़ते हुए फनी के मामा के पास पहुंच जाता है और वहां भी गुंडों की अच्छे से धुलाई करता है एक गुंडे के मुंह में तो फायर एक्सटिंग्विशर की पाइप डालकर उसे चलाते हुए उसको मार ही देता है फनी के मामा कुछ बोल पाते उससे पहले अमृत चाकू फेंक के मारता है जो कि उनके सीधे मुंह के अंदर जाकर घुस जाती है वरेश बुरी तरह घायल था फिर भी वो गुंडों से लड़ने में लगा हुआ था तो अमृत उसकी मदद करते हुए उसे बचाता है बेनी फनी से कहता कि तुम जानते भी हो उस लड़की को मार के तुम क्या किए हो बलदेव अब हमें छोड़ेगा नहीं उनमें से एक को हम जिंदा नहीं छोड़ सकते सबको मारना होगा फनी कहता कि बलदेव को कोई नहीं मारेगा वह हमारा जैकपॉट है उसको पकड़ेंगे फिरौती मांगेंगे फिर मार डालेंगे ऐसे ही सबको मार दिया तो हमारे घर के चूल्हे कैसे जलेंगे पापा समझो बात को
दूसरी तरफ तूलिका की मां और दादी को जब पता चलता है की तूलिकाअब इस दुनिया में नहीं रही तो वह लोग फूट-फूट के रोते हैं उन्हें देख कर अमृत को भी रोना आ जाता है अमृत को याद आता है व वादा जो उसने तूलिका से किया था कि वह अहाना को ढूंढ कर लाएगा उसे ट्रेन के गेट पर रस्सी लटकी दिखाई पड़ती है जिससे फनी यहां तक आया था तो वो भी ऊपर के रास्ते से उन तक पहुंचने का सोच लेता है वरेश भी साथ चलने को कहता है पर उसे वो वहीं रुकने को कह देता है फनी और उसके गुंडे लोग सबको मार-मार के पूछ रहे होते हैं कि उनके साथ कौन-कौन था अहाना वहीं मौजूद थी थी पर अपना मुंह नहीं खोलता है वो लोग आम नागरिक के बीच अपने गुंडे को बैठा देते हैं अमृत लोगों के बैग से सामान ढूंढ रहा होता है कि कुछ काम आ जाए लड़ाई में तो उसे एक लाइटर और एक लाइटर फ्लूट की बोतल मिलती है तभी कुछ आम लोग वहां आते हैं अपनी जान बचा के जिसमें गुंडे भी शामिल थे पर अमृत को पता नहीं था तो वो उन्हें दूसरी तरफ जाने देता है फनी के मामा जिसके मुंह में अमृत ने चाकू घुसा दिया था वो सिद्धि के पिता जब उसे पता चलता है कि वो मारे गए तो उसका खून उबाल मार जाता है सोहेल को गुंडे के पास बंदूक दिखाई पड़ती है तो वह सभी अमृत के ऊपर अटैक कर देते हैं लेकिन अमृत उन दोनों को ढेर कर देता है बारी-बारी से एक के बाद एक सब मरते जा रहे थे उसके बाद गुंडों की फटने लगी थी तो वो कहते कि हमको नहीं लड़ना उससे हमको ट्रेन से उतर जाने दो उनकी आपस में ही लड़ाई हो जाती है तो बेनी कहता कि उतर के क्या तुम लोग क्या बच जाओगे बलदेव ट्रेन के अंदर आम इंसान है कमजोर बेचारा मामूली स लेकिन अगर वो उतर गया तो हम में से एक-एक को चुनचुन के मरवाइए
उसके बाद अमृत खुद की मलमपट्टी करता है और फिर निकल जाता है ऊपर के रास्ते से उन तक पहुंचने के लिए अब यह लोग आम लोगों को अपनी ढाल बना के आगे बढ़ना शुरू करते हैं तो उन्हें एक बोगी में कुछ ऐसा देखने मिलता है जिससे कि उनकी फट जाती है पूरी बोगी में लाशें ही लाशें लटकी हुई थी जैसे किसी भूतिया महल में आ गए हो सिद्धी जब अपने पिता को लटका देखता है तो रो पड़ता है अमृत ने बीच का गेट बंद कर दिया था तो इधर साइड वो जा नहीं सकते थे और उधर साइड अमृत पहुंच जाता है उनकी मौत बनकर और गुंडों को पीटना शुरू कर देता है बेनी फनी को समझा रहा होता है कि अब कुछ गड़बड़ मत करना सब तुम्हारी वजह से हो रहा है पर फनी अपने मन की ही करने वाला था अमृत उस बोगी में पहुंच जाता है जहां सोहेल की मां थी तो उनको बता देता है कि सोहेल सुरक्षित है वहां ज्यादा टाइम लगेगा एक गुंडा आम नागरिक बनके बैठा हुआ था जो कि सब सुन रहा था अमृत सबसे पूछता है कि एक बच्ची को देखा है क्या तो लोग बताते हैं कि हां एक बच्ची थी लेकिन उसको वह सभी गुंडे उठा के दूसरी बोगी में लेकर चले गए हैं वहां दो गुंडे आ जाते हैं तो अमृत चाकू से ही उन दोनों को फाड़ देता है सोहेल और आरिफ की मां अमृत के साथ गुंडों से लड़ने को तैयार हो जाती हैं तो मौके की नजाकत को देखते हुए गुंडे का साथी जो आम आदमी के साथ बैठा हुआ था वह भी कहता है अमित को कि मैं भी आपकी हेल्प करूंगा
उधर वीरेश और तूलिका के पिताजी ट्रेन के गेट पर कपड़ों में आग लगा देते हैं ताकि किसी को दिखे वो आग तो कोई कुछ करे तो रेलवे के एक आदमी को आग दिखाई पड़ जाती है तो वो तुरंत ट्रेन में बैठे टीटी को सूचित करता है तो पुलिस लेक निकलता है और पहुंच जाता है वरेश लोगों के पास तो वो पूरी बात बताते हैं कि यहां क्या हो रहा है बेनी ट्रेन की चैन खींच ट्रेन रुकवाआता है ताकि फनी और दो-चार लोग उतर के दूसरी बोगी में जा सकें क्योंकि बीच का गेट बंद था लेकिन पुलिस उन पर गोली चलाना शुरू कर देती है तो वो लोग जंगल में छिप जाते हैं ट्रेन चलना शुरू हो जाती है तो फनी मौका देख ट्रेन में फिर से चढ़ जाता है फिर अमृत गुंडों को मारते हुए उनकी ओर बढ़ना शुरू हो जाता है अब उसका फिर से सामना होता है सिद्धि से अमृत और सिद्धी दोनों ही खून के प्यासे थे क्योंकि दोनों नहीं अपनों को खोया तो दोनों लोग भिड़ जाते हैं एक दूसरे को मार डालने के लिए सिद्धि अमृत पर भारी पड़ रहा होता है कि
तभी सोहेल और आरिफ की मा हॉकी लेकर उसको मारने लगती हैं और इतना मारती हैं कि उसका भेजा खोल डालती हैं इसी ने आरिफ को मारा था और अब उसकी मां ने उसे मार के बदला ले लिया गुंडा खड़े-खड़े देख रहा होता है और उसकी जरा सी भी हिम्मत नहीं हो पाती कि वो कुछ बोले उनको रोकता तो उसका भी ऐसा ही हाल होता बेनी और उसके साथियों को जब खबर लगती है कि सिद्धी भी मर गया तो रोने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचता हैं वो सभी कहते है कि अब उतर जाते हैं हम लोग नहीं तो मारे जाएंगे बेनी का माथा फिर जाता है तो उतरने के बजाय यात्रियों को ढाल बना के वह अमृत की ओर बढ़ने लगता है वरेश और पुलिस गेट खोलती है तो दो-चार गुंडे आम लोगों को बंदी बनाकर खड़े थे और उसमें अहाना भी थी पुलिस और वरेश उन गुंडों को मारने में कामयाब हो जाती है और अहाना बच जाती है अब वहां आ जाता है फनी और उन दोनों पुलिस वालों को मार डालता है उधर अमृत एक बोगी में अंधेरा कर देता है तो जब बेनी वहां आता है तो वह उसके पेट में चाकू घूप देता है रवि डरते डरते उस अंधेरे में अमृत को ढूंढ रहा होता है तो अमृत उस पर हमला करके उसकी गर्दन ही उसके शरीर से अलग कर देता है एक गुंडा अमृत के सर पर वार करके उसे बेहोश कर देता है जो गुंडा आम नागरिक बना पड़ा था वो अब उनके साथ मिल जाता है वरेश की हालत नहीं थी कि वो लड़ सके फिर भी वह खड़ा होता है उनसे लड़ने के लिए क्योंकि उसने यही सीखा था तो वो गुंडों को मार गिराता है और फनी को भी चोट पहुंचाता है लेकिन फनी उसे मार डालता है बेनी अमृत को बंदी बनाकर ले आता है तो अमृत देखता है कि उसने उसके दोस्त को भी मार डाला अमृत गुस्से से पगला जाता है और वो गुंडे और फनी को मारते हुए बेनी के मुंह में लाइटर फ्लूट डालकर आग लगा देता है और बेनी दर्दनाक मौत मरता है
अब अमृत एक हथौड़ा लेता है और उससे सबको मारता है जो गुंडे बच जाते हैं वो इतना सहम गए थे कि वो चलती ट्रेन से कूद जाते हैं और मारे जाते हैं फनी की भी अब थोड़ी-थोड़ी फटना शुरू हो जाती है मौत को अपने सामने देखकर तो वो कहता कि ऐसे कौन मारता है बे हम तो खाली तुम्हारे चार को मारे थे तुम तो हमारे खानदान के 40 को मार दिए रक्षक नहीं हो तुम राक्षस हो तुम फनी छोटी चाकू लेके अमृत पर हमला कर उसे लगातार चाकू मार-मार के एकदम जख्मी कर देता है फनी कहता है ऐसे ही सेम टू सेम मारा था तुम्हारी गर्लफ्रेंड को देखे ना कैसे तड़पी थी वो अमृत उसके पैर में हथोड़ा मार उसके पैर तोड़ता है और फिर मुंह तोड़ता है फिर उसके ऊपर चढ़ के मुक्के मार मार के मार मार के तूलिका को याद करते हुए उसे मौत के घाट उतार देता है ट्रेन अगले स्टेशन पर रुक जाती है
और वहां कमांडर आ जाते हैं सिचुएशन को हैंडल करने के लिए अमृत बाहर जाकर सीट पर बैठ जाता है हजारों चोटें आई थी खून से लथपथ हो चुका था वो उसे अपने बगल में तूलिका दिखाई पड़ती है जो कि मुस्कुराते हुए उसके कंधे पर अपना सर रख के उसका हाथ पकड़ के कहती है तुम्हारे साथ रहने के लिए मरना जरूरी है क्या हमको तो तुम्हारे साथ जीना है तूलिका अब हमेशा हमेशा के लिए उसकी हो चुकी थी उसकी यादों में जिंदा रह के यही पर यह मूवी खत्म हो जाती है
तो दोस्तों मूवी की कहानी देखी जाए तो उसमें कुछ भी नहीं है बल्कि ये फिल्म कहानी के लिए नहीं बल्कि इसके अंदर जो एक्शन सींस हैं उसे देखने के लिए बनी है ऐसा एक्शन आज तक शायद ही किसी इंडियन फिल्म में देखने मिला हो और ये इतनी तगड़ी है कि इसका हॉलीवुड में रिमेक बनने जा रहा है लूप होल्स की बात करी जाए तो बलदेव साहब इतने अमीर आदमी थे तो उन्होंने ट्रेन से वापसी करना ही क्यों चुना वो फ्लाइट से जा सकते थे आराम से
फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने कई सारे सीरीज और मूवी का रिव्यू करके बताया है जिसमें कि हमने आपके लिए एक ऐसी मूवी को चुना है जो कि आपको जिंदगी से रूबरू करा देगी अगर आप भी घर से बाहर पैसे कमाने की तलाश में जाने की सोच रहे हैं तो पहले आप उसे मूवी को देख ले ताकि आपकी हालत भी वैसी ना हो जो की इस मूवी में हुई है और यह कोई मूवी नहीं बल्कि रियल स्टोरी है उस वीडियो का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर I बटन में मिल जाएगा आपको वॉच कर सकते हैं अगर आप इस मूवी को देखना चाहते हैं तो आप इस मूवी का भी लिंक आपको कमेंट बॉक्स में मिल जाएगा आप जोड़ वॉच करें
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