नमस्कार असलमलेकुम सस्त्रियकाल आपका स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में अगर आप हमारी वीडियो पहली बार देख रहे है तो दिल से धन्यवाद और जो दुबारा आये है हमारे चैनल पर तो उनको एक बात कहना कहता हूँ लाइक और सब्सक्राइब कर दो सर जी, जिससे की आपका और हमारा रिश्ता फेविकोल के तरह जुड़ जाये ताकि मेरी हर आहट की खबर आपको हो तो फ्रेंड्स आज हम बात करने वाले हैं साल 2023 में आई हुई ACTION, DRAMA और THRILLER MOVIE Akelli के बारे में
2 घंटे 7 मिनट की इस मूवी में आप जान पायेंगे की एक लड़की घर की हालत को देखते हुए घर वालों से झूठ बोलकर जॉब करने के लिए इराक चली जाती है मगर वहां पर युद्ध चल रहा था और वहां पर वो फंस जाती है और अब हमें यह जानना है कि वह इराक में हो रहे युद्ध से कैसे बच कर निकल पाएगी और उसके साथ में क्या-क्या होने वाला है
इस मूवी के लीड रोल में Nushrratt Bharuccha है जिन्हें Jyoti के नाम से जानेंगे इनके अलावा और भी किरदार इस मूवी में दिखाई देंगे
इस मूवी के डायरेक्टर प्रणय मेश्राम है और राइटर Pranay Meshram और Gunjan Saxena है
इस मूवी की शुरुआत में हम आईएसआईएस टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन को देखते हैं जो की कुछ सिविलियंस को बंदी बनाकर रखते हैं और उनमें ज्योति भी आतंकवादियों के कब्जे में थी और ऐसा क्यों कब और कैसे हुआ इसके लिए हमें 4 महीने पहले का सीन दिखाया जाता है यहां हम ज्योति को देखते हैं जो इराक के मसूल शहर में काम करने के लिए आती है यहां हमें पता चलता है कि ज्योति यहां एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करने के लिए आती है और रफीक उस फैक्ट्री का मैनेजर है जब दोनों फैक्ट्री की ओर जा रहे थे तभी रास्ते में उन दोनों को लोगों की भीड़ जमा दिखती है और रफीक गाड़ी से उतर कर बाहर देखने के लिए जाता है लेकिन बहुत देर हो चुकी थी और टेंशन में आकर ज्योति भी गाड़ी से उतर कर भीड़ के अंदर चली जाती है जहां वह देखती है कि उस इलाके को सील कर दिया गया था और वहां एक छोटी सी बच्ची जिसका नाम फातिमा है उसके शरीर में बॉम लगा हुआ था और उसी को डिफ्यूज करने के लिए वहां पर बम स्क्वाड आकर बम को डिफ्यूज करने की कोशिश करते हैं लेकिन वो उस बॉम को डिफ्यूज नहीं कर पाते हैं जिसके चलते बम स्क्वाड मेंबर फातिमा से माफी मांगता है कि वो उसे नहीं बचा पाएगा और यह कहकर वहां से भाग जाता है और जैसे ही टाइमर खत्म होता है एक जोरदार ब्लास्ट होता है और फातिमा की वहीं पर मौत हो जाती है यह देखकर ज्योति बहुत ही ज्यादा शौक में आ चुकी थी रफिक किसी तरह ज्योति को गाड़ी में बैठाकर फैक्ट्री की ओर जाने लगता है रफीक कहता है कि इन सब के बारे में मत सोचिए वो यह भी कहता है कि हमारे फैक्ट्री में हमेशा इराकी आर्मी तैनात रहती है हमें इन सब से कोई खतरा नहीं है
फिर हम फ्लैशबैक देखते हैं कि ज्योति पहले एयरपोर्ट में ग्राउंड स्टाफ का काम करती थी लेकिन अपने कलीग्स को बचाने के चक्कर में पैसेंजर के साथ उसने बदतमीजी कर ली थी और इस कारण उसे काम से निकाल दिया गया था इधर फैक्ट्री पहुंचने के बाद वहां उन लोगों की मुलाकात नूर बानो मैडम से होती है जो फैक्ट्री का सारा काम देखती है ज्योति को वहां पर रहने के लिए एक जगह मिल जाती है लेकिन ज्योति बार-बार उस छोटी बच्ची के बारे में सोच रही थी और घबरा रही थी फिर हम एक फ्लैशबैक देखते हैं जब ज्योति इंडिया में थी ज्योति जॉब पाने के लिए जॉब कंसल्टेंसी के पास जाती है और वह चावला जी से मिलती है चावला जी बताते हैं कि उसके पास जितने भी वैकेंसीज थे वो तो सारे बंद हो चुके हैं और जो भी वैकेंसी हैं उनके लिए ज्यादा पैसे लगेंगे ज्योति अपनी हालत के बारे में समझाती है और कहती है कि उसके भैया और भाभी के मौत के बाद से उसकी भतीजी और उसकी मां की जिम्मेदारी उसके कंधों पर है और भैया ने बैंक से कर्जा भी लिया हुआ है जो चुकाना बाकी है और अगर उसे काम नहीं मिला तो वह बुरी तरह फंस जाएगी
यह सुनकर चावला अपने कंप्यूटर में जॉब वैकेंसी ढूंढने लगता है और उसे एक वैकेंसी मिल जाती है जो कि इराक के मसुल शहर में थी मसुल का नाम सुनते ही ज्योति घबराने लगती और कहती है यहां पर तो युद्ध चल रहा है लेकिन चावला कहता है कि वहां पर लड़ाई चल रही थी लेकिन अब सब कुछ खत्म हो चुका है और इससे अच्छा मौका तुम्हें नहीं मिलेगा ज्योति अपने घर में जाकर अपनी मां को बताती है कि उसे एक जॉब मिल गया है जो मस्कट में है ज्योति अपनी मां से झूठ कहती है कि वो मसूल नहीं बल्कि मस्कट जा रही है यह सुनकर उसकी मां भी हां कर देती है लेकिन उसकी भतीजी मां ही नाराज हो जाती है क्योंकि ज्योति उसे छोड़कर जा रही थी ज्योति अपनी मां से कहती है कि अगर मैं वहां पर काम करूंगी तो 2 साल के अंदर हम बैंक से लिया हुआ कर्जा चुका देंगे और हमारी सारी मुश्किलें भी हल हो जाएंगी ज्योति मसूल जाने की तैयारी करती है और एक दिन उसे गारमेंट फैक्ट्री से अपॉइंटमेंट लेटर भी आ जाता है और वह मसूल के लिए रवाना हो जाती है लेकिन उसके घर वाले जानते थे कि वो तो मस्कट जा रही है
उसके बाद हम प्रजेंट समय में आ जाते हैं जहां हम देखते हैं कि ज्योति बहुत ज्यादा घबराई हुई थी और वो चावला को फोन करके इंडिया वापस जाने का टिकट का इंतजाम करने को बोलती है लेकिन चावला कहता है कि वो वापस आने का इंतजाम तो कर देगा लेकिन उसने जो एडवांस पैसे दिए हैं वो वापस उसे नहीं मिलेंगे यह सुनकर ज्योति और ज्यादा रोने लगती है क्योंकि उसके पास कुछ करने के लिए था ही नहीं अब उसे मजबूरी में यहां काम करना पड़ेगा तभी रफिक वहां पर आता है और ज्योति से पूछता है क्या आपने डिनर कर लिया लेकिन ज्योति को डिनर करने की इच्छा ही नहीं थी रफिक ज्योति को एक ट्रेनिंग सेशन अटेंड करने के लिए बोलता है और कहता है यह कंपलसरी है ज्योति ट्रेनिंग सेशन अटेंड करने के लिए चली जाती है और देखती है कि सभी वर्कर्स एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे और यही उन लोगों का ट्रेनिंग सेशन था यहां हमें पता चलता है कि रफीक पाकिस्तान से है और वह यहां 2 साल से काम कर रहा है और वहां पर बैठे बाकी सभी कर्मचारी भी ज्योति को दिलासा देते हैं कि यहां कोई भी दिक्कत तुम्हें नहीं होगी यहां हम सब एक परिवार की तरह रहते हैं धीरे-धीरे ज्योति का मूड बदलने लगता है और वो वहां पर काम करने लगती है और रफीक के साथ उसकी अच्छी दोस्ती\भी हो जाती है
फिर एक दिन शाम को रफीक ज्योति को लेकर बाहर घूमने के लिए जाता है तभी ज्योति को उसके घर वाले फोन करते हैं और उसकी भतीजी माही कहती है कि उसका जन्मदिन आने वाला है और उस दिन ज्योति को वह घर आने को बोलती है यह कहकर ज्योति फोन कट कर देती है और तभी हम न्यूज़ में देखते हैं कि मसूल शहर में एक मस्जिद में बॉम ब्लास्ट हुआ है और इसके पीछे आईएसआईएस का एक मेंबर अरशद का काम है और इस ब्लास्ट के बाद इराकी आर्मी पूरे शहर में कर्फ्यू लगा देती है यह सब जानकर ज्योति बहुत ज्यादा डर गई थी इधर फैक्ट्री में जब सभी को पता चलता है कि पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है तो सारे वर्कर अपना पासपोर्ट वापस मांगते हैं क्योंकि वह सभी अपने देश वापस जाना चाहते थे क्योंकि यहां अब दंगे होना शुरू हो चुके थे नूर बानू सभी को समझाती है कि हालात सुधर जाएंगे लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं था और आखिर में नूर सभी को पासपोर्ट देने का फैसला करती है इधर चावला ज्योति को फोन करके बताता है कि इंडियन गवर्नमेंट ने ऐलान किया है कि जो भी भारतीय इराक में मौजूद हैं और उन सभी को वह लोग बाहर निकाल लेंगे यह बात जब ज्योति जाकर नूर को बताती है तो नूर उसे कहती है कि इंडिया वापस जाने की कोई जरूरत नहीं है मैं खुद इंडियन गवर्नमेंट से बात कर लूंगी यह कहकर नूर वहां से चली जाती है लेकिन रफीक ज्योति को समझाता है कि कुछ दिनों के लिए आपको वापस इंडिया चले जाना चाहिए जब तक यहां के हालत ठीक ना हो जाएं आप वहीं रहिए
इधर इंडिया में हम देखते हैं कि ज्योति की मां और उसकी भतीजी माही दोनों दिल्ली चले जाते हैं और यहां आने के बाद वो लोग देखते हैं कि मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर के ऑफिस के बाहर बहुत सारे भारतीय धरना देकर बैठे हुए थे क्योंकि बहुत दिनों से सरकार उनकी बातें नहीं सुन रही थी फिर वहां पर ऑफिस का एक क्लर्क आता है और सभी लोगों को कहता है कि सरकार सभी लोगों को वापस लाने का इंतजाम कर रही है फिर आते समय ज्योति की मां और माही दोनों क्लर्क का पीछा करते-करते उसके घर तक पहुंच जाते हैं दोनों क्लर्क से मदद मांगते हैं क्योंकि ऑफिस के बाहर कोई भी उनकी बात नहीं सुन रहा था क्लर्क ज्योति का एक फोटो अपने पास रख लेता है और कहता है कि अगर कोई खबर मिलती है तो मैं आपको बताऊंगा
इधर हम देखते हैं कि ज्योति असद के बगल में सोई हुई थी और जब उसकी नींद खुलती है तो असद सो रहा था ज्योति धीरे से हथकड़ी उठाकर असद के हाथों में लगा देती है लेकिन असद की भी नींद खुल जाती है और ज्योति वहां पर रखे हुए बंदूक को ले लेती है असद बंदूक नीचे करने के लिए कहता है और असद ज्योति के ऊपर हमला करने ही वाला था लेकिन गलती से ज्योति के हाथों से बंदूक चल जाती है और गोली सीधे असद के कंधे में लगती है गोली की आवाज सुनकर बाहर बैठे सभी आतंकवादी कमरे के अंदर चले आते हैं ज्योति असद के सिर पर बंदूक लगाकर बाहर निकलती है और सभी सोल्जर को पीछे रहने के लिए बोलती है फिर उसके बाद यासमीन आती है और ज्योति आफरा और माहिरा को बुलाने के लिए कहती है जो की छोटी बच्ची थी ज्योति दोनों को लेकर बाहर चली जाती है और सभी सोल्जर को एक कमरे में बंद कर देती है ज्योति आफरा और माहिरा तीनों असद को गाड़ी में बैठाकर वहां से भागते हैं थोड़ी दूर जाने के बाद असद चलती गाड़ी से नीचे कूद जाता है ज्योति असद को वापस गाड़ी में आने के लिए कहती है और असद वहां से भागने की कोशिश करता है लेकिन ज्योति असद को गोली मार देती है फिर ज्योति बाकी दोनों को लड़कियों के साथ वहां से भागती है उसके बाद असद के सोल्जर वहां पर आ जाते हैं असद को वापस ले जाने के लिए
इधर इंडिया में हम देखते हैं कि ज्योति की मां एक टीवी चैनल में इंटरव्यू देती है कि उसकी बेटी का नाम ज्योति है और वह भारत सरकार से अनुरोध करती है कि उन सभी नर्सेस के साथ-साथ उसकी बेटी को भी वापस लाया जाए उसके बाद वापस से हम ज्योति को देखते हैं जो कि इराक के आर्मी ऑफिसर के घर तक पहुंच जाती है आर्मी ऑफिसर की बीवी ज्योति और दोनों बच्चों को अपने घर में पनाह देता है लेकिन आगे पता चलता है कि वह आर्मी ऑफिसर भी असद के साथ मिला हुआ था और असद को यह खबर दे देता है कि तीन लड़की तुम्हारे यहां से भाग कर हमने उसे अपने पास रखा है उसके बाद असद को जैसे ही यह खबर पता चलती है वह अपने आदमियों को भेज देता है लेकिन उन दोनों की बात आफरा सुन लेती है और ज्योति को जाकर बता देती है फिर तीनों आराम करने के लिए दूसरे कमरे में जाते हैं और बाहर से पुलिस वाले की बीवी दरवाजा लॉक कर देती है थोड़ी देर में वहां पर असद के आदमी पहुंच जाते हैं लेकिन ज्योति और बाकी दोनों लड़कियां खिड़की तोड़कर भाग निकलते हैं और गाड़ी स्टार्ट करके वहां से भागने की कोशिश करते हैं लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद उनकी गाड़ी गड्ढे में अटक जाती है ज्योति गाड़ी से उतर कर पीछे से धक्का लगाने की कोशिश करती है और किसी तरह गाड़ी को गड्ढे से बाहर निकालती है और इराकी आर्मी ऑफिसर उनको पकड़ने के लिए भागता है लेकिन तीनों अपनी गाड़ी लेकर वहां से भागने की कोशिश करते हैं लेकिन असद के सोल्जर अपनी गाड़ी से उनकी गाड़ी का पीछा करने लगते हैं और थोड़ी दूर जाने के बाद वह लोग सभी एक आर्मी कैंप तक पहुंच जाते हैं और वहां पहुंचने के बाद आर्मी के सभी सोल्जर असद के लोगों पर गोली बरसाने लगते हैं और उन सभी को मार डालते हैं
फिर ज्योति आफरा और माहिरा तीनों कैंप के अंदर चले जाते हैं और यहां पता चलता है कि वह इराकी आर्मी का एक ब्रांच है जिसका नाम कुर्दिश आर्मी है जो आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं इधर इंडिया में न्यूज़ में दिखाया जाता है कि यूएन ने आईएसआईएस के साथ एक समझौता किया है कि जितने भी यूएन वर्कर इराक में फंसे हुए हैं उन सभी को रिहा किया जा रहा है यह सुनकर मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर के अंदर बैठे हुए सारे ऑफिसर्स अनुमान लगाते हैं कि अब शायद सीरिया में फंसे हुए नर्स को भी रिहा कर दिया जाएगा तभी वहां पर क्लर्क आता है और अपने ऑफिसर से कहता है कि मसूल में एक लड़की फंसी हुई है जिसका नाम है ज्योति उसे भी रिहा करना होगा लेकिन मसूल का नाम सुनते ही वह सभी लोग डरने लगते हैं क्योंकि वहां तो हालात बहुत ज्यादा बिगड़े हुए हैं और वह सभी को बताते हैं कि यह खबर फैलने नहीं चाहिए अगर यह खबर बाहर फैल गई तो मुसीबत हो जाएगी इंडियन गवर्नमेंट ज्योति को वापस लाने का इंतजाम कर लेती है और कुर्दिश आर्मी को खबर कर देती है कुर्दिश आर्मी का एक सिपाही आकर ज्योति को बताता है कि इंडियन गवर्नमेंट ने तुम्हें इंडियन एंबेसी बगदाद जाने के लिए बोला है और वहां से तुम्हें वापस इंडिया भेज दिया जाएगा और तुम्हें वहां मसूल एयरपोर्ट से उन सभी यूएन वर्कर के साथ भेजा जाएगा यह सुनकर ज्योति खुश तो होती है मगर वह परेशान भी थी लेकिन ज्योति को यहां से निकलने के लिए अपना नाम बदलना होगा और कोई इस्लामी नाम रखना होगा ताकि वह आसानी से मसूल से बगदाद जा सके इसके लिए इंडियन गवर्नमेंट यूएई मतलब यूनाइटेड अरब एमिरेट्स से मदद मांगते हैं
इधर ज्योति अपना नाम बदलकर मरियम सुल्तान रखती है और उसके सारे डॉक्यूमेंट में वही नाम होता है उसके बाद वो दिन आ जाता है जिस दिन ज्योति का डॉक्यूमेंट रेडी हो गया था और व मसूल एयरपोर्ट के लिए निकल जाती है लेकिन एयरपोर्ट पहुंचने के बाद पता चलता है कि पूरे एयरपोर्ट को आईएसआईएस के आतंकवादी पहरा दे रहे हैं तभी इंडिया में हम देखते हैं कि मसूल एयरपोर्ट से जा रहे 60 यूएन वर्कर के लिस्ट में मरियम सुल्तान का नाम ही नहीं था यह सुनकर तो सभी का होश उड़ गया था तभी टीवी में एक और न्यूज़ आता है जिसमें ज्योति की मां का इंटरव्यू दिखाया जाता है और यह वही इंटरव्यू था जो ज्योति की मां अपनी बेटी को वापस लाने के लिए बोल रही थी तभी इंडियन ऑफिसर्स घबराने लगते हैं कहते हैं कि अगर यह वीडियो आईएसआईएस ने देख लिया तो ज्योति को वहां से निकालना नामुमकिन हो जाएगा इधर ज्योति एयरपोर्ट के अंदर पहुंच जाती है और अपना पासपोर्ट चेक करवाती है लेकिन पासपोर्ट चेक करवाते समय मरियम का नाम लिस्ट में दिखा ही नहीं रहा था एयरपोर्ट कर्मचारी अपने सीनियर को फोन लगाता है और पूछता है कि मरियम सुल्तान का नाम लिस्ट में है ही नहीं तभी उस सीनियर को नया लिस्ट मिलता है और वो नया लिस्ट उस एयरपोर्ट कर्मचारी को भेज देता है और उस नई लिस्ट में मरियम का नाम था यह देखकर वो एयरपोर्ट कर्मचारी उसका पासपोर्ट वेरीफाई कर लेता है पासपोर्ट वेरीफाई हो जाने के बाद ज्योति आगे की ओर बढ़ती है तभी असद की पत्नी हबीबी को ज्योति की मां का इंटरव्यू वीडियो मिल जाता है और यह देखकर वह अपने सभी आदमियों को एयरपोर्ट सील करने का ऐलान करती है और ज्योति को ढूंढकर वापस लाने को बोलती है इधर ज्योति की सिक्योरिटी चेकिंग हो रही थी और चेकिंग करने के बाद उसे आगे जाने को बोलता है
इधर एयरपोर्ट में सभी आईएसआईएस सोल्जर को ज्योति का फोटो दिखाए जाता है और उस फोटो को देखकर वो सोल्जर पहचान लेता है कि ज्योति तो इसी एयरपोर्ट में है तभी वहां पर असद पहुंच जाता है जो कि घायल था और उसे बताया जाता है कि पूरे एयरपोर्ट को सील कर दिया गया है और ज्योति एयरपोर्ट के अंदर है और फ्लाइट को भी होल्ड में रखा जाता है क्योंकि जब तक ज्योति मिल नहीं जाती तब तक फ्लाइट को नहीं छोड़ा जाएगा आईएसआईएस के सभी सोल्जर ज्योति को ढूंढने लगते हैं और ज्योति अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ने लगती है आईएसआईएस के कुछ सोल्जर एक पानी की टंकी के ऊपर आते हैं जिसमें पानी भरा हुआ था और उसी टंकी के अंदर ही ज्योति छुपी हुई थी सोल्जर को ज्योति दिखाई नहीं देती और वो लोग वहां से चले जाते हैं इधर असद को उसके बॉस का फोन आता है और असद से कहते हैं कि हमें ऑर्डर आया है कि सभी यूएन वर्कर्स को रिहा करना ही होगा और जल्द से जल्द फ्लाइट को छोड़ने का ऑर्डर देता है और उसके बाद वह अपनी लड़की को ढूंढ सकता है लेकिन असद कहता है कि उस लड़की ने मुझे मारने की कोशिश की थी और जब तक वह मिल नहीं जाती तब तक फ्लाइट होल्ड रहेगी अब ऐसे ही करते-करते रात हो जाती है और ज्योति एक जगह छुपी हुई थी और बाहर देखती है कि प्लेन खड़ी हुई थी तभी वहां पर रफीक पहुंच जाता है शायद उसे दिन रफीक को मारा नहीं गया था और वह आईएसआईएस को ज्वाइन कर लिया था ज्योति रफीक को देखकर घबरा जाती है मगर रफीक के दिल में ज्योति के लिए थोड़ा प्यार तो था ज्योति कहती है कि मुझे किसी तरह प्लेन तक पहुंचना होगा जिसके लिए पूरे एयरपोर्ट की लाइट बंद करवानी होगी रफीक कहता है कि एयरपोर्ट की लाइट मैं बंद कर दूंगा मगर आपको जल्द से जल्द प्लेन के अंदर पहुंच जाना होगा तभी रफीक अपने पास से एक चिट्ठी निकालता है और ज्योति से कहता है कि जब आप अपने देश पहुंच जाइएगा तो यह चिट्ठी मेरी मां तक पहुंचा दीजिएगा
इधर असद से मिलने उसके बॉस आते हैं और उसे धमकी देते हैं कि प्लेन को छोड़ने के लिए इधर रफीक पूरे एयरपोर्ट की लाइट बंद कर देता है और ज्योति वहां से भागकर प्लेन की तरफ भागने लगती है लेकिन तभी उसका पैर जख्मी हो जाता है और आईएसआईएस का एक सोल्जर एयरपोर्ट का लाइट ऑन कर देता है और ज्योति किसी तरह प्लेन के पहियों के पीछे जाकर छुप जाती है उसके बाद आईएसआईएस के सोल्जर रफीक को पकड़ लेते हैं और असद के पास लेकर चले जाते हैं और कहते हैं कि यह लड़का फैक्ट्री में काम करता था और यह ज्योति को जानता है असद ज्योति के बारे में उसे पूछता है कि वह कहां है लेकिन रफिक कुछ नहीं बताता है गुस्से में असद रफीक को वहीं पर गोली मार देता है और अपने आदमियों से कहता है कि प्लेन के अंदर जाकर चेक करने कि ज्योति वहां है या नहीं फिर सभी यूएन वर्कर्स को प्लेन के अंदर लाया जाता है और आईएसआईएस के सोल्जर प्लेन के अंदर जाकर चेकिंग करते हैं कि ज्योति वहां है या नहीं लेकिन वहां पर ज्योति नहीं थी असद को जब पता चलता है तो उसे यकीन नहीं हो रहा था कि आखिर ज्योति कहां चली गई
यहां हम देखते हैं कि ज्योति प्लेन के पहियों के पास ही बैठी हुई थी प्लेन बगदाद के लिए रवाना होने लगती है और असद ना चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहा था और वह इसी सोच में रह गया था कि आखिर ज्योति कहां चली गई और आखिरकार प्लेन बगदाद पहुंच जाती है और ज्योति की हालत बहुत खराब थी ज्योति को तुरंत मेडिकेशन के लिए भेज दिया जाता है और फिर वहां से वापस उसे इंडिया भेज दिया गया था अब तीन हफ्ते के बाद का सीन दिखाया जाता है जो रफीक ने दी थी वह एक मनी ऑर्डर था और वह रफीक की मां के पास जाती है लेकिन उसमें एक और चिट्ठी भी था और उसमें वह एक तस्वीर बाहर निकालती है जो कि रफीक और ज्योति की तस्वीर थी और उस चिट्ठी में लिखा हुआ था कि रफीक ज्योति को पसंद करता है और अपनी शादी की बात व अपनी मां से करने वाला था यह पढ़ कर ज्योति रफीक को याद करती है और रोने लगती है और इसी के साथ यह मूवी यहीं पर खत्म हो जाती है
फिल्म का एक्सपीरियंस काफी ही अच्छा रहा है नुसरत बलूजा का किरदार काफी बुलंद है इस फिल्म को देखने पर कहीं-कहीं आपकी सांसे रुक भी जाती है कि आगे क्या होने वाला है और कहीं-कहीं अफसोस भी होगा की काश ऐसा नहीं होना चाहिए था जैसा कि उसने रफीक को मारा तो हमें यह लगता है कि काश ऐसा नहीं होता और उनकी लव स्टोरी कामयाब होती
तो फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपके लिए कई सारे मूवी का रिव्यू और वेब सीरीज का रिव्यू करके बताया है फ्रेंड्स 20 साल की लड़की जो थोड़ा सा भी खून को बहता हुआ देख लेती थी तो डर जाती थी और उस लड़की ने दो कत्ल कर डाले थे और उसकी वजह से दो लोग और मारे गए थे लेकिन वह तो एक आम लड़की थी तो उसने ऐसा कैसे किया वह सिर्फ कॉलेज जाती थी और पढ़ाई करती थी लेकिन अचानक से वह एक एजेंट बन जाती है और उसे करी ट्रेनिंग दी जाती है और इतना सिखाया जाता है की अगर उसे अपने देश के लिए जान भी गंवानी पड़े तो वह एक बार भी नहीं सोचेगी और देश के लिए कुर्बान हो जाएगी और सारी हदें पार कर देगी मैंने उस मूवी का लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में दे दिया है आप जरूर वॉच करें
और हमारे चैनल को सब्सक्राइब और वीडियो को लाइक कर दो यार जिससे की आपका और हमारा रिश्ता फेविकोल के तरह जुड़ जाये और जिन्होंने इतना सुनने के बाद भी नहीं किया तो दिल पर पत्थर रख कर यही कहना चाहता हूँ की हे भगवन अगर मेरी आवाज़ तुम तक पहुँच रही है तो जो लाइक और सब्सक्राइब करे उसका भी भला करना और जो न करे उसका भी भला करना तो फ्रेंड्स मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में फिर किसी और धमाकेदार मूवी के रिव्यु के साथ तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद

2 घंटे 7 मिनट की इस मूवी में आप जान पायेंगे की एक लड़की घर की हालत को देखते हुए घर वालों से झूठ बोलकर जॉब करने के लिए इराक चली जाती है मगर वहां पर युद्ध चल रहा था और वहां पर वो फंस जाती है और अब हमें यह जानना है कि वह इराक में हो रहे युद्ध से कैसे बच कर निकल पाएगी और उसके साथ में क्या-क्या होने वाला है
इस मूवी के लीड रोल में Nushrratt Bharuccha है जिन्हें Jyoti के नाम से जानेंगे इनके अलावा और भी किरदार इस मूवी में दिखाई देंगे
इस मूवी के डायरेक्टर प्रणय मेश्राम है और राइटर Pranay Meshram और Gunjan Saxena है
इस मूवी की शुरुआत में हम आईएसआईएस टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन को देखते हैं जो की कुछ सिविलियंस को बंदी बनाकर रखते हैं और उनमें ज्योति भी आतंकवादियों के कब्जे में थी और ऐसा क्यों कब और कैसे हुआ इसके लिए हमें 4 महीने पहले का सीन दिखाया जाता है यहां हम ज्योति को देखते हैं जो इराक के मसूल शहर में काम करने के लिए आती है यहां हमें पता चलता है कि ज्योति यहां एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करने के लिए आती है और रफीक उस फैक्ट्री का मैनेजर है जब दोनों फैक्ट्री की ओर जा रहे थे तभी रास्ते में उन दोनों को लोगों की भीड़ जमा दिखती है और रफीक गाड़ी से उतर कर बाहर देखने के लिए जाता है लेकिन बहुत देर हो चुकी थी और टेंशन में आकर ज्योति भी गाड़ी से उतर कर भीड़ के अंदर चली जाती है जहां वह देखती है कि उस इलाके को सील कर दिया गया था और वहां एक छोटी सी बच्ची जिसका नाम फातिमा है उसके शरीर में बॉम लगा हुआ था और उसी को डिफ्यूज करने के लिए वहां पर बम स्क्वाड आकर बम को डिफ्यूज करने की कोशिश करते हैं लेकिन वो उस बॉम को डिफ्यूज नहीं कर पाते हैं जिसके चलते बम स्क्वाड मेंबर फातिमा से माफी मांगता है कि वो उसे नहीं बचा पाएगा और यह कहकर वहां से भाग जाता है और जैसे ही टाइमर खत्म होता है एक जोरदार ब्लास्ट होता है और फातिमा की वहीं पर मौत हो जाती है यह देखकर ज्योति बहुत ही ज्यादा शौक में आ चुकी थी रफिक किसी तरह ज्योति को गाड़ी में बैठाकर फैक्ट्री की ओर जाने लगता है रफीक कहता है कि इन सब के बारे में मत सोचिए वो यह भी कहता है कि हमारे फैक्ट्री में हमेशा इराकी आर्मी तैनात रहती है हमें इन सब से कोई खतरा नहीं है
फिर हम फ्लैशबैक देखते हैं कि ज्योति पहले एयरपोर्ट में ग्राउंड स्टाफ का काम करती थी लेकिन अपने कलीग्स को बचाने के चक्कर में पैसेंजर के साथ उसने बदतमीजी कर ली थी और इस कारण उसे काम से निकाल दिया गया था इधर फैक्ट्री पहुंचने के बाद वहां उन लोगों की मुलाकात नूर बानो मैडम से होती है जो फैक्ट्री का सारा काम देखती है ज्योति को वहां पर रहने के लिए एक जगह मिल जाती है लेकिन ज्योति बार-बार उस छोटी बच्ची के बारे में सोच रही थी और घबरा रही थी फिर हम एक फ्लैशबैक देखते हैं जब ज्योति इंडिया में थी ज्योति जॉब पाने के लिए जॉब कंसल्टेंसी के पास जाती है और वह चावला जी से मिलती है चावला जी बताते हैं कि उसके पास जितने भी वैकेंसीज थे वो तो सारे बंद हो चुके हैं और जो भी वैकेंसी हैं उनके लिए ज्यादा पैसे लगेंगे ज्योति अपनी हालत के बारे में समझाती है और कहती है कि उसके भैया और भाभी के मौत के बाद से उसकी भतीजी और उसकी मां की जिम्मेदारी उसके कंधों पर है और भैया ने बैंक से कर्जा भी लिया हुआ है जो चुकाना बाकी है और अगर उसे काम नहीं मिला तो वह बुरी तरह फंस जाएगी
यह सुनकर चावला अपने कंप्यूटर में जॉब वैकेंसी ढूंढने लगता है और उसे एक वैकेंसी मिल जाती है जो कि इराक के मसुल शहर में थी मसुल का नाम सुनते ही ज्योति घबराने लगती और कहती है यहां पर तो युद्ध चल रहा है लेकिन चावला कहता है कि वहां पर लड़ाई चल रही थी लेकिन अब सब कुछ खत्म हो चुका है और इससे अच्छा मौका तुम्हें नहीं मिलेगा ज्योति अपने घर में जाकर अपनी मां को बताती है कि उसे एक जॉब मिल गया है जो मस्कट में है ज्योति अपनी मां से झूठ कहती है कि वो मसूल नहीं बल्कि मस्कट जा रही है यह सुनकर उसकी मां भी हां कर देती है लेकिन उसकी भतीजी मां ही नाराज हो जाती है क्योंकि ज्योति उसे छोड़कर जा रही थी ज्योति अपनी मां से कहती है कि अगर मैं वहां पर काम करूंगी तो 2 साल के अंदर हम बैंक से लिया हुआ कर्जा चुका देंगे और हमारी सारी मुश्किलें भी हल हो जाएंगी ज्योति मसूल जाने की तैयारी करती है और एक दिन उसे गारमेंट फैक्ट्री से अपॉइंटमेंट लेटर भी आ जाता है और वह मसूल के लिए रवाना हो जाती है लेकिन उसके घर वाले जानते थे कि वो तो मस्कट जा रही है
उसके बाद हम प्रजेंट समय में आ जाते हैं जहां हम देखते हैं कि ज्योति बहुत ज्यादा घबराई हुई थी और वो चावला को फोन करके इंडिया वापस जाने का टिकट का इंतजाम करने को बोलती है लेकिन चावला कहता है कि वो वापस आने का इंतजाम तो कर देगा लेकिन उसने जो एडवांस पैसे दिए हैं वो वापस उसे नहीं मिलेंगे यह सुनकर ज्योति और ज्यादा रोने लगती है क्योंकि उसके पास कुछ करने के लिए था ही नहीं अब उसे मजबूरी में यहां काम करना पड़ेगा तभी रफिक वहां पर आता है और ज्योति से पूछता है क्या आपने डिनर कर लिया लेकिन ज्योति को डिनर करने की इच्छा ही नहीं थी रफिक ज्योति को एक ट्रेनिंग सेशन अटेंड करने के लिए बोलता है और कहता है यह कंपलसरी है ज्योति ट्रेनिंग सेशन अटेंड करने के लिए चली जाती है और देखती है कि सभी वर्कर्स एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे और यही उन लोगों का ट्रेनिंग सेशन था यहां हमें पता चलता है कि रफीक पाकिस्तान से है और वह यहां 2 साल से काम कर रहा है और वहां पर बैठे बाकी सभी कर्मचारी भी ज्योति को दिलासा देते हैं कि यहां कोई भी दिक्कत तुम्हें नहीं होगी यहां हम सब एक परिवार की तरह रहते हैं धीरे-धीरे ज्योति का मूड बदलने लगता है और वो वहां पर काम करने लगती है और रफीक के साथ उसकी अच्छी दोस्ती\भी हो जाती है
फिर एक दिन शाम को रफीक ज्योति को लेकर बाहर घूमने के लिए जाता है तभी ज्योति को उसके घर वाले फोन करते हैं और उसकी भतीजी माही कहती है कि उसका जन्मदिन आने वाला है और उस दिन ज्योति को वह घर आने को बोलती है यह कहकर ज्योति फोन कट कर देती है और तभी हम न्यूज़ में देखते हैं कि मसूल शहर में एक मस्जिद में बॉम ब्लास्ट हुआ है और इसके पीछे आईएसआईएस का एक मेंबर अरशद का काम है और इस ब्लास्ट के बाद इराकी आर्मी पूरे शहर में कर्फ्यू लगा देती है यह सब जानकर ज्योति बहुत ज्यादा डर गई थी इधर फैक्ट्री में जब सभी को पता चलता है कि पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है तो सारे वर्कर अपना पासपोर्ट वापस मांगते हैं क्योंकि वह सभी अपने देश वापस जाना चाहते थे क्योंकि यहां अब दंगे होना शुरू हो चुके थे नूर बानू सभी को समझाती है कि हालात सुधर जाएंगे लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं था और आखिर में नूर सभी को पासपोर्ट देने का फैसला करती है इधर चावला ज्योति को फोन करके बताता है कि इंडियन गवर्नमेंट ने ऐलान किया है कि जो भी भारतीय इराक में मौजूद हैं और उन सभी को वह लोग बाहर निकाल लेंगे यह बात जब ज्योति जाकर नूर को बताती है तो नूर उसे कहती है कि इंडिया वापस जाने की कोई जरूरत नहीं है मैं खुद इंडियन गवर्नमेंट से बात कर लूंगी यह कहकर नूर वहां से चली जाती है लेकिन रफीक ज्योति को समझाता है कि कुछ दिनों के लिए आपको वापस इंडिया चले जाना चाहिए जब तक यहां के हालत ठीक ना हो जाएं आप वहीं रहिए
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रात के समय ज्योति वापस अपने घर अपनी मां को फोन लगाकर कहती है कि कि वह घर वापस आ रही है और तभी जोरदार ब्लास्ट होने की आवाज आने लगती है और ज्योति बाहर जाकर देखती है कि पूरे शहर में ब्लास्ट हो रहा था सुबह न्यूज़ में यह सब दिखाया जाता है और तभी हाफिज आकर कहता है कि आईएसआईएस की गाड़ी यहां पर आ रही है सभी लोग डरने लगते हैं और नूर सभी को बेसमेंट में छिपने को बोलती है और सभी वर्कर्स बेसमेंट में छुपने के लिए चले जाते हैं तभी आतंकवादी सोल्जर फैक्ट्री के अंदर आ जाते हैं और नूर रफीक और हाफिस को बंदी बना लेते हैं यहां हम आईएसआईएस टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन का एक कमांडर वाहब अब्राहम को देखते हैं जो तीनों से पूछता है कि बाकी के लोग कहां हैं लेकिन कोई भी जवाब नहीं देता है तभी एक सोल्जर नूर को गोली मार देता है यह देखकर रफिक बहुत ज्यादा डर गया था वह अब हफीज से बाकी लोगों के बारे में पूछता है कि बाकी लोग कहां छुपे हुए हैं हाफिज बहुत ज्यादा डरा हुआ था और वो डर के मारे बता देता है कि सभी लोग बेसमेंट में छुपे हुए हैं फिर कुछ सोल्जर बेसमेंट में चले जाते हैं और वहां जाकर सभी को व बंदी बना लेते हैं और उनमें से आधे लोगों को एक ट्रक में बैठाया जाता है और बाकी के आधे लोगों को दूसरे ट्रक में बैठाया जाता है अब वोह लोग वहां से चले जाते हैं और रास्ते में एक ट्रक दूसरे रास्ते की ओर चला जाता है और फिर सभी को नीचे उतारा जाता है और लाइन से बैठाया जाता है और सभी को एक-एक कर वहीं गोली मार दिया जाता है
दूसरे ट्रक में बाकी के आधे वर्कर्स थे जिनमें ज्योति भी थी और उन सभी को एक बिल्डिंग में लाया जाता है जहां आईएसआईएस की पूरी टीम थी और यह वही सीन है जो मूवी के शुरुआत में दिखाया गया था और वहां ज्योति के अलावा बहुत सारे औरतें भी थी जिन्हें वहां पर बंदी बनाकर रखा गया था और वह लोग बहुत सालों से वहां पर काम कर रहे थे वाहब अब्राहम को देखते हैं जो यूएन वर्कर्स को बंदी बना लेता है और एक वीडियो बनाता है जिसमें वह यूएन के जनरल सेक्रेटरी को धमकी देता है कि अगर $50 मिलियन डॉलर हमारे अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हुए तो तुम्हारे लोगों को मार दिया जाएगा फिर उसे अरशद का फोन आता है और वह बताता है कि सारा काम यहां पर बहुत अच्छी तरीके से चल रहा है और हमने ऑयल रिजर्व को भी अपने कब्जे में ले लिया है यह सुनकर अरशद खुश होता है और कहता है कि इसके लिए तुम्हें एक इनाम दिया जाएगा फिर वाहब और उसके साथ बाकी मेंबर भी वहां पर बैठे हुए थे और वहां पर बाकी लड़कियों को बुलाया जाता है और वाहब ज्योति को अपने पास बुलाता है क्योंकि वाहब उसके साथ सोना चाहता था वाहब ज्योति से उसका नाम पूछता है क्योंकि इसके पहले वाहब को ज्योति का नाम नहीं पता था वह अब ज्योति को नहाने के लिए भेजता है और ज्योति नहाने के लिए अंदर बाथरूम में चली जाती है और पीछे से वो उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करता है लेकिन तभी ज्योति वाहब को पीछे जोर से ढकेल देती है जिसके चलते वाहब का सिर दीवार से टकराता है और वह वहीं पर मर जाता है
ज्योति बहुत ज्यादा घबराने लगती है क्योंकि उसे पता नहीं था कि अब वह क्या करेगी ज्योति फिर से बुर्खा पहन लेती है और छुप-छुप कर वहां से भागने की कोशिश करती है लेकिन बाहर निकलते ही आईएसआईएस के सभी आतंकवादी उसे पकड़ लेते हैं और थोड़ी देर के बाद असद वहां पर पहुंच जाता है और वाहब की मौत से वह बहुत गुस्से में था लेकिन असद ज्योति को जब देखता है तो उसे ज्योति बहुत ज्यादा पसंद आ जाती है और वह अपने भाषा में सभी से कहता है कि वह ज्योति से शादी करेगा यह कहकर वह वहां से चला जाता है फिर वहां पर असद की पहली बीवी हबीबी वहां पर आती है लेकिन ज्योति बोलती है कि उसे कुछ समझ नहीं आया कि असद ने क्या बोला फिर वहां पर यसमीन आकर हिंदी में समझाती है कहती है कि असद ने फैसला किया है कि वह तुमसे शादी करेगा यह सुनकर ज्योति गुस्सा हो जाती है और कहती है मैं ऐसा नहीं करूंगी मैं वापस इंडिया जाना चाहती हूं ज्योति वहां से भागने की कोशिश करती है लेकिन उसे बेहोश कर दिया जाता है
इधर इंडिया में ज्योति की मां चावला से मिलने के लिए जाति है और अपनी बेटी का हालचाल पूछती है क्योंकि बहुत दिनों से उसकी बेटी का फोन नहीं लग रहा है चावला बताता है कि दो दिन पहले ही उसकी ज्योति से बात हुई और वह मसूल से वापस इंडिया आने के लिए टिकट का इंतजाम करने के लिए फोन की थी जब उसकी मां मसूल का नाम सुनती है वो बोलती है कि ज्योति ने कहा था कि वह तो मस्कट जा रही है चावला बताता है कि वो मसूल गई है काम करने ज्योति की मां और ज्यादा घबरा जाती है क्योंकि मसुल में हालात ठीक नहीं थी चावला ज्योति की मां को समझाता है कि जब उसने ज्योति को मसूल भेजा था तब लड़ाई नहीं चल रही थी और वह उसे सलाह देता है कि आप दिल्ली चले जाइए क्योंकि इराक में बहुत सारे भारतीय नर्स फंसे हुए हैं और वहां से बाहर निकलने का सारा इंतजाम इंडियन गवर्नमेंट कर रही है
इधर हम वापस से ज्योति को देखते हैं जिससे कि अब तक होश आ गया था और वह सामने ज्योति की भतीजी माही दिखाई देती है मगर वह माही नहीं थी उसके सामने दो लड़की थी आफड़ा रहती है वह और उसकी बहन माहिरा यहां पर फंसी हुई हैं और वह पिछले 2 साल से यहां पर कैद हैं और इन लोगों ने उसके माता-पिता को भी मार डाला है और वो लोग जो चाहे उसे काम करवाते हैं फिर वहां पर एक औरत आकर ज्योति को एक कपड़ा देती है जिसे पहनकर वो उसे असद के पास लेकर चली जाती है असद ज्योति को वाइन पीने के लिए देता है लेकिन उसे पीते ही ज्योति को नशा जैसा होने लगता है असद कहता है कि मैं तुमसे शादी करने वाला हूं और तुमने वाहब को मारा है जो हमारा सबसे भरोसेमंद आदमी था और फिर असद ज्योति के साथ जबरदस्ती करने लगता है
रात के समय ज्योति वापस अपने घर अपनी मां को फोन लगाकर कहती है कि कि वह घर वापस आ रही है और तभी जोरदार ब्लास्ट होने की आवाज आने लगती है और ज्योति बाहर जाकर देखती है कि पूरे शहर में ब्लास्ट हो रहा था सुबह न्यूज़ में यह सब दिखाया जाता है और तभी हाफिज आकर कहता है कि आईएसआईएस की गाड़ी यहां पर आ रही है सभी लोग डरने लगते हैं और नूर सभी को बेसमेंट में छिपने को बोलती है और सभी वर्कर्स बेसमेंट में छुपने के लिए चले जाते हैं तभी आतंकवादी सोल्जर फैक्ट्री के अंदर आ जाते हैं और नूर रफीक और हाफिस को बंदी बना लेते हैं यहां हम आईएसआईएस टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन का एक कमांडर वाहब अब्राहम को देखते हैं जो तीनों से पूछता है कि बाकी के लोग कहां हैं लेकिन कोई भी जवाब नहीं देता है तभी एक सोल्जर नूर को गोली मार देता है यह देखकर रफिक बहुत ज्यादा डर गया था वह अब हफीज से बाकी लोगों के बारे में पूछता है कि बाकी लोग कहां छुपे हुए हैं हाफिज बहुत ज्यादा डरा हुआ था और वो डर के मारे बता देता है कि सभी लोग बेसमेंट में छुपे हुए हैं फिर कुछ सोल्जर बेसमेंट में चले जाते हैं और वहां जाकर सभी को व बंदी बना लेते हैं और उनमें से आधे लोगों को एक ट्रक में बैठाया जाता है और बाकी के आधे लोगों को दूसरे ट्रक में बैठाया जाता है अब वोह लोग वहां से चले जाते हैं और रास्ते में एक ट्रक दूसरे रास्ते की ओर चला जाता है और फिर सभी को नीचे उतारा जाता है और लाइन से बैठाया जाता है और सभी को एक-एक कर वहीं गोली मार दिया जाता है
दूसरे ट्रक में बाकी के आधे वर्कर्स थे जिनमें ज्योति भी थी और उन सभी को एक बिल्डिंग में लाया जाता है जहां आईएसआईएस की पूरी टीम थी और यह वही सीन है जो मूवी के शुरुआत में दिखाया गया था और वहां ज्योति के अलावा बहुत सारे औरतें भी थी जिन्हें वहां पर बंदी बनाकर रखा गया था और वह लोग बहुत सालों से वहां पर काम कर रहे थे वाहब अब्राहम को देखते हैं जो यूएन वर्कर्स को बंदी बना लेता है और एक वीडियो बनाता है जिसमें वह यूएन के जनरल सेक्रेटरी को धमकी देता है कि अगर $50 मिलियन डॉलर हमारे अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हुए तो तुम्हारे लोगों को मार दिया जाएगा फिर उसे अरशद का फोन आता है और वह बताता है कि सारा काम यहां पर बहुत अच्छी तरीके से चल रहा है और हमने ऑयल रिजर्व को भी अपने कब्जे में ले लिया है यह सुनकर अरशद खुश होता है और कहता है कि इसके लिए तुम्हें एक इनाम दिया जाएगा फिर वाहब और उसके साथ बाकी मेंबर भी वहां पर बैठे हुए थे और वहां पर बाकी लड़कियों को बुलाया जाता है और वाहब ज्योति को अपने पास बुलाता है क्योंकि वाहब उसके साथ सोना चाहता था वाहब ज्योति से उसका नाम पूछता है क्योंकि इसके पहले वाहब को ज्योति का नाम नहीं पता था वह अब ज्योति को नहाने के लिए भेजता है और ज्योति नहाने के लिए अंदर बाथरूम में चली जाती है और पीछे से वो उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करता है लेकिन तभी ज्योति वाहब को पीछे जोर से ढकेल देती है जिसके चलते वाहब का सिर दीवार से टकराता है और वह वहीं पर मर जाता है
ज्योति बहुत ज्यादा घबराने लगती है क्योंकि उसे पता नहीं था कि अब वह क्या करेगी ज्योति फिर से बुर्खा पहन लेती है और छुप-छुप कर वहां से भागने की कोशिश करती है लेकिन बाहर निकलते ही आईएसआईएस के सभी आतंकवादी उसे पकड़ लेते हैं और थोड़ी देर के बाद असद वहां पर पहुंच जाता है और वाहब की मौत से वह बहुत गुस्से में था लेकिन असद ज्योति को जब देखता है तो उसे ज्योति बहुत ज्यादा पसंद आ जाती है और वह अपने भाषा में सभी से कहता है कि वह ज्योति से शादी करेगा यह कहकर वह वहां से चला जाता है फिर वहां पर असद की पहली बीवी हबीबी वहां पर आती है लेकिन ज्योति बोलती है कि उसे कुछ समझ नहीं आया कि असद ने क्या बोला फिर वहां पर यसमीन आकर हिंदी में समझाती है कहती है कि असद ने फैसला किया है कि वह तुमसे शादी करेगा यह सुनकर ज्योति गुस्सा हो जाती है और कहती है मैं ऐसा नहीं करूंगी मैं वापस इंडिया जाना चाहती हूं ज्योति वहां से भागने की कोशिश करती है लेकिन उसे बेहोश कर दिया जाता है
इधर इंडिया में ज्योति की मां चावला से मिलने के लिए जाति है और अपनी बेटी का हालचाल पूछती है क्योंकि बहुत दिनों से उसकी बेटी का फोन नहीं लग रहा है चावला बताता है कि दो दिन पहले ही उसकी ज्योति से बात हुई और वह मसूल से वापस इंडिया आने के लिए टिकट का इंतजाम करने के लिए फोन की थी जब उसकी मां मसूल का नाम सुनती है वो बोलती है कि ज्योति ने कहा था कि वह तो मस्कट जा रही है चावला बताता है कि वो मसूल गई है काम करने ज्योति की मां और ज्यादा घबरा जाती है क्योंकि मसुल में हालात ठीक नहीं थी चावला ज्योति की मां को समझाता है कि जब उसने ज्योति को मसूल भेजा था तब लड़ाई नहीं चल रही थी और वह उसे सलाह देता है कि आप दिल्ली चले जाइए क्योंकि इराक में बहुत सारे भारतीय नर्स फंसे हुए हैं और वहां से बाहर निकलने का सारा इंतजाम इंडियन गवर्नमेंट कर रही है
इधर हम वापस से ज्योति को देखते हैं जिससे कि अब तक होश आ गया था और वह सामने ज्योति की भतीजी माही दिखाई देती है मगर वह माही नहीं थी उसके सामने दो लड़की थी आफड़ा रहती है वह और उसकी बहन माहिरा यहां पर फंसी हुई हैं और वह पिछले 2 साल से यहां पर कैद हैं और इन लोगों ने उसके माता-पिता को भी मार डाला है और वो लोग जो चाहे उसे काम करवाते हैं फिर वहां पर एक औरत आकर ज्योति को एक कपड़ा देती है जिसे पहनकर वो उसे असद के पास लेकर चली जाती है असद ज्योति को वाइन पीने के लिए देता है लेकिन उसे पीते ही ज्योति को नशा जैसा होने लगता है असद कहता है कि मैं तुमसे शादी करने वाला हूं और तुमने वाहब को मारा है जो हमारा सबसे भरोसेमंद आदमी था और फिर असद ज्योति के साथ जबरदस्ती करने लगता है

इधर इंडिया में हम देखते हैं कि ज्योति की मां और उसकी भतीजी माही दोनों दिल्ली चले जाते हैं और यहां आने के बाद वो लोग देखते हैं कि मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर के ऑफिस के बाहर बहुत सारे भारतीय धरना देकर बैठे हुए थे क्योंकि बहुत दिनों से सरकार उनकी बातें नहीं सुन रही थी फिर वहां पर ऑफिस का एक क्लर्क आता है और सभी लोगों को कहता है कि सरकार सभी लोगों को वापस लाने का इंतजाम कर रही है फिर आते समय ज्योति की मां और माही दोनों क्लर्क का पीछा करते-करते उसके घर तक पहुंच जाते हैं दोनों क्लर्क से मदद मांगते हैं क्योंकि ऑफिस के बाहर कोई भी उनकी बात नहीं सुन रहा था क्लर्क ज्योति का एक फोटो अपने पास रख लेता है और कहता है कि अगर कोई खबर मिलती है तो मैं आपको बताऊंगा
इधर हम देखते हैं कि ज्योति असद के बगल में सोई हुई थी और जब उसकी नींद खुलती है तो असद सो रहा था ज्योति धीरे से हथकड़ी उठाकर असद के हाथों में लगा देती है लेकिन असद की भी नींद खुल जाती है और ज्योति वहां पर रखे हुए बंदूक को ले लेती है असद बंदूक नीचे करने के लिए कहता है और असद ज्योति के ऊपर हमला करने ही वाला था लेकिन गलती से ज्योति के हाथों से बंदूक चल जाती है और गोली सीधे असद के कंधे में लगती है गोली की आवाज सुनकर बाहर बैठे सभी आतंकवादी कमरे के अंदर चले आते हैं ज्योति असद के सिर पर बंदूक लगाकर बाहर निकलती है और सभी सोल्जर को पीछे रहने के लिए बोलती है फिर उसके बाद यासमीन आती है और ज्योति आफरा और माहिरा को बुलाने के लिए कहती है जो की छोटी बच्ची थी ज्योति दोनों को लेकर बाहर चली जाती है और सभी सोल्जर को एक कमरे में बंद कर देती है ज्योति आफरा और माहिरा तीनों असद को गाड़ी में बैठाकर वहां से भागते हैं थोड़ी दूर जाने के बाद असद चलती गाड़ी से नीचे कूद जाता है ज्योति असद को वापस गाड़ी में आने के लिए कहती है और असद वहां से भागने की कोशिश करता है लेकिन ज्योति असद को गोली मार देती है फिर ज्योति बाकी दोनों को लड़कियों के साथ वहां से भागती है उसके बाद असद के सोल्जर वहां पर आ जाते हैं असद को वापस ले जाने के लिए
इधर इंडिया में हम देखते हैं कि ज्योति की मां एक टीवी चैनल में इंटरव्यू देती है कि उसकी बेटी का नाम ज्योति है और वह भारत सरकार से अनुरोध करती है कि उन सभी नर्सेस के साथ-साथ उसकी बेटी को भी वापस लाया जाए उसके बाद वापस से हम ज्योति को देखते हैं जो कि इराक के आर्मी ऑफिसर के घर तक पहुंच जाती है आर्मी ऑफिसर की बीवी ज्योति और दोनों बच्चों को अपने घर में पनाह देता है लेकिन आगे पता चलता है कि वह आर्मी ऑफिसर भी असद के साथ मिला हुआ था और असद को यह खबर दे देता है कि तीन लड़की तुम्हारे यहां से भाग कर हमने उसे अपने पास रखा है उसके बाद असद को जैसे ही यह खबर पता चलती है वह अपने आदमियों को भेज देता है लेकिन उन दोनों की बात आफरा सुन लेती है और ज्योति को जाकर बता देती है फिर तीनों आराम करने के लिए दूसरे कमरे में जाते हैं और बाहर से पुलिस वाले की बीवी दरवाजा लॉक कर देती है थोड़ी देर में वहां पर असद के आदमी पहुंच जाते हैं लेकिन ज्योति और बाकी दोनों लड़कियां खिड़की तोड़कर भाग निकलते हैं और गाड़ी स्टार्ट करके वहां से भागने की कोशिश करते हैं लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद उनकी गाड़ी गड्ढे में अटक जाती है ज्योति गाड़ी से उतर कर पीछे से धक्का लगाने की कोशिश करती है और किसी तरह गाड़ी को गड्ढे से बाहर निकालती है और इराकी आर्मी ऑफिसर उनको पकड़ने के लिए भागता है लेकिन तीनों अपनी गाड़ी लेकर वहां से भागने की कोशिश करते हैं लेकिन असद के सोल्जर अपनी गाड़ी से उनकी गाड़ी का पीछा करने लगते हैं और थोड़ी दूर जाने के बाद वह लोग सभी एक आर्मी कैंप तक पहुंच जाते हैं और वहां पहुंचने के बाद आर्मी के सभी सोल्जर असद के लोगों पर गोली बरसाने लगते हैं और उन सभी को मार डालते हैं
फिर ज्योति आफरा और माहिरा तीनों कैंप के अंदर चले जाते हैं और यहां पता चलता है कि वह इराकी आर्मी का एक ब्रांच है जिसका नाम कुर्दिश आर्मी है जो आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं इधर इंडिया में न्यूज़ में दिखाया जाता है कि यूएन ने आईएसआईएस के साथ एक समझौता किया है कि जितने भी यूएन वर्कर इराक में फंसे हुए हैं उन सभी को रिहा किया जा रहा है यह सुनकर मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर के अंदर बैठे हुए सारे ऑफिसर्स अनुमान लगाते हैं कि अब शायद सीरिया में फंसे हुए नर्स को भी रिहा कर दिया जाएगा तभी वहां पर क्लर्क आता है और अपने ऑफिसर से कहता है कि मसूल में एक लड़की फंसी हुई है जिसका नाम है ज्योति उसे भी रिहा करना होगा लेकिन मसूल का नाम सुनते ही वह सभी लोग डरने लगते हैं क्योंकि वहां तो हालात बहुत ज्यादा बिगड़े हुए हैं और वह सभी को बताते हैं कि यह खबर फैलने नहीं चाहिए अगर यह खबर बाहर फैल गई तो मुसीबत हो जाएगी इंडियन गवर्नमेंट ज्योति को वापस लाने का इंतजाम कर लेती है और कुर्दिश आर्मी को खबर कर देती है कुर्दिश आर्मी का एक सिपाही आकर ज्योति को बताता है कि इंडियन गवर्नमेंट ने तुम्हें इंडियन एंबेसी बगदाद जाने के लिए बोला है और वहां से तुम्हें वापस इंडिया भेज दिया जाएगा और तुम्हें वहां मसूल एयरपोर्ट से उन सभी यूएन वर्कर के साथ भेजा जाएगा यह सुनकर ज्योति खुश तो होती है मगर वह परेशान भी थी लेकिन ज्योति को यहां से निकलने के लिए अपना नाम बदलना होगा और कोई इस्लामी नाम रखना होगा ताकि वह आसानी से मसूल से बगदाद जा सके इसके लिए इंडियन गवर्नमेंट यूएई मतलब यूनाइटेड अरब एमिरेट्स से मदद मांगते हैं
इधर ज्योति अपना नाम बदलकर मरियम सुल्तान रखती है और उसके सारे डॉक्यूमेंट में वही नाम होता है उसके बाद वो दिन आ जाता है जिस दिन ज्योति का डॉक्यूमेंट रेडी हो गया था और व मसूल एयरपोर्ट के लिए निकल जाती है लेकिन एयरपोर्ट पहुंचने के बाद पता चलता है कि पूरे एयरपोर्ट को आईएसआईएस के आतंकवादी पहरा दे रहे हैं तभी इंडिया में हम देखते हैं कि मसूल एयरपोर्ट से जा रहे 60 यूएन वर्कर के लिस्ट में मरियम सुल्तान का नाम ही नहीं था यह सुनकर तो सभी का होश उड़ गया था तभी टीवी में एक और न्यूज़ आता है जिसमें ज्योति की मां का इंटरव्यू दिखाया जाता है और यह वही इंटरव्यू था जो ज्योति की मां अपनी बेटी को वापस लाने के लिए बोल रही थी तभी इंडियन ऑफिसर्स घबराने लगते हैं कहते हैं कि अगर यह वीडियो आईएसआईएस ने देख लिया तो ज्योति को वहां से निकालना नामुमकिन हो जाएगा इधर ज्योति एयरपोर्ट के अंदर पहुंच जाती है और अपना पासपोर्ट चेक करवाती है लेकिन पासपोर्ट चेक करवाते समय मरियम का नाम लिस्ट में दिखा ही नहीं रहा था एयरपोर्ट कर्मचारी अपने सीनियर को फोन लगाता है और पूछता है कि मरियम सुल्तान का नाम लिस्ट में है ही नहीं तभी उस सीनियर को नया लिस्ट मिलता है और वो नया लिस्ट उस एयरपोर्ट कर्मचारी को भेज देता है और उस नई लिस्ट में मरियम का नाम था यह देखकर वो एयरपोर्ट कर्मचारी उसका पासपोर्ट वेरीफाई कर लेता है पासपोर्ट वेरीफाई हो जाने के बाद ज्योति आगे की ओर बढ़ती है तभी असद की पत्नी हबीबी को ज्योति की मां का इंटरव्यू वीडियो मिल जाता है और यह देखकर वह अपने सभी आदमियों को एयरपोर्ट सील करने का ऐलान करती है और ज्योति को ढूंढकर वापस लाने को बोलती है इधर ज्योति की सिक्योरिटी चेकिंग हो रही थी और चेकिंग करने के बाद उसे आगे जाने को बोलता है
इधर एयरपोर्ट में सभी आईएसआईएस सोल्जर को ज्योति का फोटो दिखाए जाता है और उस फोटो को देखकर वो सोल्जर पहचान लेता है कि ज्योति तो इसी एयरपोर्ट में है तभी वहां पर असद पहुंच जाता है जो कि घायल था और उसे बताया जाता है कि पूरे एयरपोर्ट को सील कर दिया गया है और ज्योति एयरपोर्ट के अंदर है और फ्लाइट को भी होल्ड में रखा जाता है क्योंकि जब तक ज्योति मिल नहीं जाती तब तक फ्लाइट को नहीं छोड़ा जाएगा आईएसआईएस के सभी सोल्जर ज्योति को ढूंढने लगते हैं और ज्योति अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ने लगती है आईएसआईएस के कुछ सोल्जर एक पानी की टंकी के ऊपर आते हैं जिसमें पानी भरा हुआ था और उसी टंकी के अंदर ही ज्योति छुपी हुई थी सोल्जर को ज्योति दिखाई नहीं देती और वो लोग वहां से चले जाते हैं इधर असद को उसके बॉस का फोन आता है और असद से कहते हैं कि हमें ऑर्डर आया है कि सभी यूएन वर्कर्स को रिहा करना ही होगा और जल्द से जल्द फ्लाइट को छोड़ने का ऑर्डर देता है और उसके बाद वह अपनी लड़की को ढूंढ सकता है लेकिन असद कहता है कि उस लड़की ने मुझे मारने की कोशिश की थी और जब तक वह मिल नहीं जाती तब तक फ्लाइट होल्ड रहेगी अब ऐसे ही करते-करते रात हो जाती है और ज्योति एक जगह छुपी हुई थी और बाहर देखती है कि प्लेन खड़ी हुई थी तभी वहां पर रफीक पहुंच जाता है शायद उसे दिन रफीक को मारा नहीं गया था और वह आईएसआईएस को ज्वाइन कर लिया था ज्योति रफीक को देखकर घबरा जाती है मगर रफीक के दिल में ज्योति के लिए थोड़ा प्यार तो था ज्योति कहती है कि मुझे किसी तरह प्लेन तक पहुंचना होगा जिसके लिए पूरे एयरपोर्ट की लाइट बंद करवानी होगी रफीक कहता है कि एयरपोर्ट की लाइट मैं बंद कर दूंगा मगर आपको जल्द से जल्द प्लेन के अंदर पहुंच जाना होगा तभी रफीक अपने पास से एक चिट्ठी निकालता है और ज्योति से कहता है कि जब आप अपने देश पहुंच जाइएगा तो यह चिट्ठी मेरी मां तक पहुंचा दीजिएगा
इधर असद से मिलने उसके बॉस आते हैं और उसे धमकी देते हैं कि प्लेन को छोड़ने के लिए इधर रफीक पूरे एयरपोर्ट की लाइट बंद कर देता है और ज्योति वहां से भागकर प्लेन की तरफ भागने लगती है लेकिन तभी उसका पैर जख्मी हो जाता है और आईएसआईएस का एक सोल्जर एयरपोर्ट का लाइट ऑन कर देता है और ज्योति किसी तरह प्लेन के पहियों के पीछे जाकर छुप जाती है उसके बाद आईएसआईएस के सोल्जर रफीक को पकड़ लेते हैं और असद के पास लेकर चले जाते हैं और कहते हैं कि यह लड़का फैक्ट्री में काम करता था और यह ज्योति को जानता है असद ज्योति के बारे में उसे पूछता है कि वह कहां है लेकिन रफिक कुछ नहीं बताता है गुस्से में असद रफीक को वहीं पर गोली मार देता है और अपने आदमियों से कहता है कि प्लेन के अंदर जाकर चेक करने कि ज्योति वहां है या नहीं फिर सभी यूएन वर्कर्स को प्लेन के अंदर लाया जाता है और आईएसआईएस के सोल्जर प्लेन के अंदर जाकर चेकिंग करते हैं कि ज्योति वहां है या नहीं लेकिन वहां पर ज्योति नहीं थी असद को जब पता चलता है तो उसे यकीन नहीं हो रहा था कि आखिर ज्योति कहां चली गई
यहां हम देखते हैं कि ज्योति प्लेन के पहियों के पास ही बैठी हुई थी प्लेन बगदाद के लिए रवाना होने लगती है और असद ना चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहा था और वह इसी सोच में रह गया था कि आखिर ज्योति कहां चली गई और आखिरकार प्लेन बगदाद पहुंच जाती है और ज्योति की हालत बहुत खराब थी ज्योति को तुरंत मेडिकेशन के लिए भेज दिया जाता है और फिर वहां से वापस उसे इंडिया भेज दिया गया था अब तीन हफ्ते के बाद का सीन दिखाया जाता है जो रफीक ने दी थी वह एक मनी ऑर्डर था और वह रफीक की मां के पास जाती है लेकिन उसमें एक और चिट्ठी भी था और उसमें वह एक तस्वीर बाहर निकालती है जो कि रफीक और ज्योति की तस्वीर थी और उस चिट्ठी में लिखा हुआ था कि रफीक ज्योति को पसंद करता है और अपनी शादी की बात व अपनी मां से करने वाला था यह पढ़ कर ज्योति रफीक को याद करती है और रोने लगती है और इसी के साथ यह मूवी यहीं पर खत्म हो जाती है
फिल्म का एक्सपीरियंस काफी ही अच्छा रहा है नुसरत बलूजा का किरदार काफी बुलंद है इस फिल्म को देखने पर कहीं-कहीं आपकी सांसे रुक भी जाती है कि आगे क्या होने वाला है और कहीं-कहीं अफसोस भी होगा की काश ऐसा नहीं होना चाहिए था जैसा कि उसने रफीक को मारा तो हमें यह लगता है कि काश ऐसा नहीं होता और उनकी लव स्टोरी कामयाब होती
तो फ्रेंड्स इस चैनल के माध्यम से हमने आपके लिए कई सारे मूवी का रिव्यू और वेब सीरीज का रिव्यू करके बताया है फ्रेंड्स 20 साल की लड़की जो थोड़ा सा भी खून को बहता हुआ देख लेती थी तो डर जाती थी और उस लड़की ने दो कत्ल कर डाले थे और उसकी वजह से दो लोग और मारे गए थे लेकिन वह तो एक आम लड़की थी तो उसने ऐसा कैसे किया वह सिर्फ कॉलेज जाती थी और पढ़ाई करती थी लेकिन अचानक से वह एक एजेंट बन जाती है और उसे करी ट्रेनिंग दी जाती है और इतना सिखाया जाता है की अगर उसे अपने देश के लिए जान भी गंवानी पड़े तो वह एक बार भी नहीं सोचेगी और देश के लिए कुर्बान हो जाएगी और सारी हदें पार कर देगी मैंने उस मूवी का लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में और ऊपर ए बटन में दे दिया है आप जरूर वॉच करें

और हमारे चैनल को सब्सक्राइब और वीडियो को लाइक कर दो यार जिससे की आपका और हमारा रिश्ता फेविकोल के तरह जुड़ जाये और जिन्होंने इतना सुनने के बाद भी नहीं किया तो दिल पर पत्थर रख कर यही कहना चाहता हूँ की हे भगवन अगर मेरी आवाज़ तुम तक पहुँच रही है तो जो लाइक और सब्सक्राइब करे उसका भी भला करना और जो न करे उसका भी भला करना तो फ्रेंड्स मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में फिर किसी और धमाकेदार मूवी के रिव्यु के साथ तब तक के लिए आप हमें दे इजाजत धन्यवाद
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