तो नमस्कार भाइयों और उनकी प्यारी बहनों फिर से स्वागत है हमारे इस चैनल फिल्मी फीडबैक में आज हम बात करने वाले हैं साल 2015 में आई हुई ACTION और DRAMA मूवी Baahubali 2: The Conclusion के बारे में 2 घंटे 47 मिनट की यह मूवी 28 APRIL 2017 को Telugu और Tamil लैंग्वेज में रिलीज कर दी गई थी अगर उसके बाद इस मूवी को हिंदी लैंग्वेज में भी डब किया गया है आप इस मूवी को हिंदी लैंग्वेज मैं वॉच करना चाहते हैं तो इस वीडियो में मैं आपको बता दूंगा यह मूवी को आप कैसे देख पाएंगे तो प्लीज वीडियो को पूरा देखें

इस मूवी के स्टार कास्ट की बात करें तो Prabhas है इस मूवी में अबनेन्द्र बाहुबली के नाम से जानेंगे 

Rana Daggubati को हम इस मूवी में Bhallaladeva के नाम से जानेंगे

Anushka Shetty को हम इस मूवी में Devasena के नाम से जानेंगे

Tamannaah Bhatia को हम इस मूवी में Avanthika के नाम से जानेंगे

Sathyaraj को हम इस मूवी में  Kattappa के नाम से जानेंगे

Ramya Krishnan को हम इस मूवी में Shivagami के नाम से जानेंगे

Nassar को हम इस मूवी में Bijjaladeva के नाम से जानेंगे इनके अलावा और भी किरदार इस मूवी में दिखाई देंगे 

इस मूवी के डायरेक्टर S.S. Rajamouli हैं

Baahubali 2: The Conclusion (2017) Explained In Hindi | Disney+ Hotstar हिंदी / उर्दू | Umang Raj 

इस मूवी की स्टोरी को स्टार्ट करने से पहले इस मूवी के सबसे दमदार डायलॉग को हम आपके सामने पेश करना चाहते हैं गलत किया देवसेना औरत पर हाथ डालने वाले  की उंगलियां नहीं काटते काटते हैं उसका गला 

जैसा कि आपको मालूम है कि बाहुबली 3 जल्द ही आपके सामने प्रकट होने वाली है तो कहीं आप बाहुबली के पिछले परतों को की कहानी को अब भूल न गए हो इसीलिए हम आपको याद दिलाना चाह रहे हैं ताकि जब आप बाहुबली 3 को देखें तो कोई भी कंफ्यूजन ना रहे अगर आपने पिछले पार्ट को नहीं देखा है तो मैंने लिंक कमेंट में पी कर दिया है आप वॉच कर सकते हैं और अगर आपने इस मूवी के पार्ट वन को नहीं देखा है और पार्ट 2 को आप देखने आ रहे हैं तो आपको यह मूवी समझ में नहीं आएगी इसलिए सबसे पहला पार्ट वन को चेक आउट कीजिए उसके बाद इस वीडियो को देखें 

इस मूवी की शुरुआत फर्स्ट पार्ट के एंडिंग सीन के साथ होती है जहां पर हमने देखा था कि किस तरह से भल्लालदेव और बाहुबली ने मिलकर कालके को मौत के घाट उतार दिया था प्रजा का झुकाव अमरेंद्र बाहुबली की तरफ ज्यादा था इसीलिए उसे माहिष्मती का सिंहासन मिल जाता है उसके बाद हम देखते हैं की राक्षस दहन उत्सव आ जाता है जो की 24 साल में सिर्फ एक बार आता है सभी राज्य की खुशहाली के लिए यह प्रथा थी की रानी इस उत्सव को मनाने के लिए राज्यों से 30 कोर्स दूर जंगल में नंगे पांव सर पर अग्नि कुंड रखकर आकाल  राक्षस का दहन करेगी और जब तक संकल्प पूरा ना हो तब तक पांव रुकना नहीं चाहिए ऐसा इस प्रथा का नियम था महारानी को नंगे पांव आता देख सभी गांव वाले उनके स्वागत और उनके जयकारे लगाने लगते हैं वहां पर दो बड़े-बड़े हाथी भी मौजूद थे मगर गांव के लोगों का शोर सुनकर दोनों हाथी बेकाबू हो जाते हैं और वहां पर काफी तबाही बचाने लगती है लोगों के बीच भागदार के कारण गांव वाले भागने लगते हैं हर तरफ हाहाकार  मच जाती है मगर प्रथा का नियम था कि पर रुकना नहीं चाहिए इसीलिए शिवगामी अपने पैरों को बिना रोक अग्नि कुंड को सिर पर लिए हुए राक्षस दहन के लिए प्रस्थान कर जाती है कट्टप्पा महारानी को समझने की कोशिश करता है मगर महारानी इस पूजा को बीच में नहीं रोक सकती थी नहीं तो इस साम्राज्य पर बहुत ही बड़ी विपत्ति आ सकती थी 

तभी तो हम देखते हैं कि एक पागल हाथी गांव की तरफ आगे बढ़ रहा था उसे हाथी के पैर के नीचे कई सारे गांव वाले मर जाते हैं और वह उसी रास्ते जा रहा था जहां महारानी सामने से आ रही थी और तभी अपनी मां को बचाने के लिए एंट्री होती है इस मूवी के हीरो अमरेंद्र बाहुबली की जो की एक बड़े से रथ को लेकर उसे हाथी से टकरा देता है और उसके गुस्से को शांत करने के लिए उसके सर पर हल्दी डाल देता है अब यह तो हमें मालूम नहीं है कि अगर हाथी को गुस्सा आ जाए तो हल्दी से ठीक हो जाता है मगर मूवी के स्टोरी में ऐसा दिखाया गया है कोई बात नहीं फिर भी हम आगे बढ़ते हैं उसके बाद यह प्रथा अच्छे तरीके से संपन्न हो जाती है और अब बारी थी माहिष्मती सिंहासन के राजा के राज्य अभिषेक करने की जहां पर पूरा गांव उनको दुआएं देने के लिए पहुंचता है और इस साम्राज्य के नए राजा को देखकर भल्लालदेव और उसके पिता बिज्जलदेव बिल्कुल खुश नहीं थे वह यह चाहते थे किस राज्य का असली राजा मेरा बेटा भल्लालदेव बने उसके बाद दूर-दूर के राज्यों से शिवगामी के पास में उनके सुपुत्र यानी कि अमरेंद्र बाहुबली के लिए शादी के रिश्ते आने लगते हैं तभी शिवगामी अपने बेटे बाहुबली को बुलाती है और कहती है कि बेटा तुम्हें पूरे राज्य में घूम-घूम कर प्रजा को क्या तकलीफ है उसके बारे में जानकारी लेनी होगी तभी है तुम असली राजा कहलाने योग्य हो सकते हो राजा को अपने प्रजा की परवाह होनी चाहिए इसीलिए वह बाहुबली को देशाटन पर भेज देती है मगर राज  दरबारी कहते हैं कि अभी तक राज्य  अभिषेक नहीं हुआ है और उससे पहले राजा का  देशाटन पर जाना बिल्कुल सही बात नहीं है उन पर कोई भी हमला कर सकता है यह सोचकर शिवगामी कटप्पा कोई है जिम्मेदारी देती है कि आप हर वक्त हर दिन तुम बाहुबली के साथ रहोगे उसका साया बनकर और उसके बाद यह दोनों लोग देशाटन के लिए निकल जाते हैं

और रास्ते में जरूरतमंद की मदद करते हैं और वहीं पर  इस मूवी की में हीरोइन से यानी की देवसेना को भी हम देख पाते हैं जो कि इस वक्त अपने यंग एज में होती है देवसेना कुन्तल  के राजा की बेटी होती है जो कि अपने बॉडीगार्ड कुमार वर्मा के साथ मंदिर में पूजा करने के लिए जाती है लेकिन तभी कुछ लोग उन पर हमला कर देते हैं और उनका पैसा चुराने की कोशिश करते हैं और देवसेना अकेले ही उन सभी को धूल चटा देती है और बाहुबली सोचता ही रह जाता है  देवसेना की हेल्प करने के लिए मगर इतनी दिलेर और सैनिक कला में माहिर योद्धा को देखकर अपने पैर को पीछे हटा लेता है मगर उसे समय वह गुंडे वहां से चले जाते हैं मगर बाहुबली को शक होता है कि वह लोग हमसे ज्यादा दूर नहीं गए होंगे तो यह लोग सोचते हैं कि क्यों ना उन गुंडो को धूल चटाया जाए उसके बाद हम एक जबरदस्त फाइट सीन को देखते हैं मगर हम देखते हैं कि बाहुबली उन सभी से लड़ तो रहा था मगर उसका एक ध्यान देवसेना की सौंदर्य प्रथा जो उसके मन को भटक रहा था जैसे मानो कि वह उसके ख्यालों में खोया हुआ था उसके बाद यह लोग गांव वाले की मदद से कुंतल राज्य में राजा के सामने लाया जाता है और यह दोनों औरतों के पीछे छुपे हुए रहते हैं और इन दोनों को देखकर देवसेना रहती है की औरतों के पीछे क्यों चुप रहे हो तुम एक मर्द हो और हट्टे-कट्टे भी लड़ाई क्यों नहीं की तो कटप्पा कहता है कि यह मेरा भांजा है यह दिमाग से थोड़ा हिला हुआ है मगर आप लोगों का  अगर सहारा मिल जाएगा तो यह कुछ सीख जाएगा क्योंकि आप लोग हमें काम दे सकते हैं आप जो बोलेंगे हम वह काम कर सकते हैं उसके बाद देवसेना कुमार वर्मा को बुलाकर कहती है  कि तुम इसे छोटा-मोटा काम दे देना अगर तलवार चलाना सीख जाए तो कम से कम द्वारपाल ही बन जाएगा तो कुमार वर्मा बाहुबली से कहते हैं की तलवार चलाना मैं सिखाऊंगा जिसके बाद उन दोनों को महल में लाया जाता है जहां पर कुमार वर्मा बाहुबली को एक मंदबुद्धि समझ रहा था उसे तलवार चलाने की प्रैक्टिस करवा रहा होता है और देवसेना यह सब कुछ देख रही थी लेकिन जैसे ही कुमार वर्मा की नजर तलवार से भटकती है की लकड़ी के दो टुकड़े हो जाते हैं और बाहुबली रात को उसकी ख्यालों में खोया रहता है तो कटप्पा उससे पूछता है कि आखिर बाहुबली किन ख्यालों में है बाहुबली कहता है कि मामा उस पेड़ पर  आप दो परिंदों को देख रहे हैं किस तरह से एक डाल पर बैठे हैं इन दोनों परिंदों को देखकर आपके मन में क्या ख्याल आ रहा है तो कटप्पा कहता है इन दोनों परिंदों को पड़कर मस्त नींबू मिर्ची निचोड़कर खाया जाए तो स्वाद  और जन्नत जैसा सुकून मिलेगा उसके बाद बाहुबली कहता है तुम क्या जान हो तुम्हारी तो उम्र निकल चुकी है मैं पूछ भी किस आदमी से रहा हूं

उसके बाद वहां पर कुछ गांव वाले आते हैं और वह लोग कहते हैं कि उनके खेत में गेहूं  के फसल का नुकसान हो रहा है खेत में जंगली शुगर घुस चुकी है जो की फसल को बर्बाद कर रही है तभी देवसेना रहती है कुमार वर्मा अपने साथ इसे भी लेकर चलो ताकि वह देख पाए कि हम शिकार कैसे करते हैं इसीलिए वह बाहुबली के साथ शिकार पर निकल जाता है कुमार वर्मा के साथ बाहुबली था इसीलिए बाहुबली का साथ होने की वजह से देवसेना की कोई भी तीर उसे जंगली शुगर पर लगे नहीं देता है बल्कि कुमार वर्मा का हर दिन जंगली सूअर को मार गिराता है पर जाकर यही लग रहा था की कुमार वर्मा ने ही जंगली सूअर को मार गिराया है मगर देवसेना इस चीज को बखूबी समझ रही थी वह समझ जाती है कि इस सब के पीछे कुमार वर्मा नहीं बल्कि यह मंदबुद्धि है बाहुबली को बुलाकर वह कहती है कि तुम नाटक मत करो मेरे सामने तुम्हारा मजबूत हाथों को देखकर तो लगता है कि तुमने कोई जंग लड़ी है और इसका पता अभी चल जाएगा देवसेना रहती है कि एक सांड को खोलकर इसके सामने भेज दो बाहुबली अगर चाहता तो उसे 2 मिनट में पटक कर धाराशाई कर सकता था मगर उसने ऐसा नहीं किया और वह देवसेना के सामने भोलापन ही दिखाना चाहता था इसीलिए मंदबुद्धि का नाटक करते हुए  बेल उसे जोरदार टक्कर दे देती है और वह गिर जाता है यह देखकर कटप्पा कहता है कि यह आपने क्या किया इस मंद बुद्धि को इतने बड़े बेल का सामने भेज दिया जरा कुछ तो सोचो अगर  इससे कुछ हो जाएगा तो मैं इसकी मां को क्या जवाब दूंगा

उसके बाद देवसेना को भी लगता है कि जो उसने किया शायद यह गलत है वह शायद मंदबुद्धि ही है उसके बाद उसे खास तरह के ट्रीटमेंट मिलने शुरू हो जाते हैं और यह सारी बातें माहिष्मती साम्राज्य के भल्लालदेव तक पहुंच जाती है की बाहुबली कुंतल राज्य में प्रजा को पटाने के लिए अलग-अलग हथकंडे आजमा रहा है और वह कुंतल राज्य के राजा की बेटी को पसंद करने लगा है और यहां पर भल्लालदेव एक वह दाव खेलता है

अपनी मां शिवगामी को कहता है कि मुझे यह लड़की काफी पसंद है मेरे दिल में इसका चलचित्र बन चुका है और शिवगामी उसे आश्वासन देती है कि तुम्हारी शादी अगर होगी तो सिर्फ इसी लड़की से  उसके बाद माहिष्मती साम्राज्य के सैनिकों के साथ हजारों किलो सोना असरफियां बेस कीमती आभूषण उनके राज्य में भिजवा दिया जाता है और शादी का प्रस्ताव रखा जाता है मगर जो दूध वह संदेश उनके राजा को सुनता है तो यह सुनकर देवसेना को ऐसा लगता है कि यह तो हमें नीचे दिखाने की कोशिश कर रहे हैं मानो कि यह शादी का प्रस्ताव नहीं बल्कि यह कीमती आभूषण देकर मुझे खरीदने आया है 

और इस वजह से सिर्फ गामी के बेटे भल्लालदेव का रिश्ता ठुकरा देती है मगर उसे समय देवसेना को यह मालूम नहीं था कि यह रिश्ता सामने बैठे शख्स मंदबुद्धि के तरफ से आया था मगर दूर खड़ा बाहुबली यह सोच रहा था कि उसकी मां उसके लिए यह लड़की को चुनी है उसके बाद उसके दूध वापस माहिष्मती आते हैं और वह शिवगामी को उसके दिए हुए निमंत्रण को ठुकरा देने की बात करता है और शिवगामी को इस बात का काफी बुरा लगता है आखिर कोई लड़की मेरे बेटे भल्लालदेव के रिश्ते को कैसे ठुकरा सकती है उसे मेरे सामने बंदी बनाकर लेकर आना चाहिए था उसके बाद शिवगामी कबूतर पर एक संदेश भेज कर बाहुबली तक पहुंचने को कहती है और उसमें लिखा था की बहू कुंतल राज्य के राजा की बेटी देवसेना ने मेरा अपमान किया है उसे पड़कर बंदी बनाकर मेरे सामने लेकर आओ 

मगर दूसरी ओर दूसरे राज्य के सी कुंतल राज्य पर हमला कर देते हैं और वहां की प्रजा खतरे में आ जाती है और यह सब देख बाहुबली अपने असली किरदार में आ जाता है वह उन सभी लोगों को मारना स्टार्ट करता है वही कुमार वर्मा जो की डरपोक फट्टू किस्म का इंसान था वह लड़कियों के पीछे जाकर छुप जाता है मगर इस वक्त सामने चढ़ाई करने वाले से लड़ने के लिए बाहुबली को और भी लोगों की जरूरत थी इसीलिए वह उन लोगों के अंदर जोश भरता है और कहता है कि हर योद्धा को एक मौका मिलता है अपने आप को साबित करने का जहां पर वह सभी को यह बोलता है कि वह कुछ कर सकता है वह मौका आज है कुमार वर्मा दिखा दो इन सबको तुम्हारे अंदर कितनी ताकत है

और उसकी बातों से मोटिवेट होकर कुमार वर्मा लड़ाई करने के लिए निकल पड़ता है वहीं देवसेना भी किसी से काम नहीं थी वह अपने तीर धनुष लेकर उन सभी को मारना स्टार्ट करती है और तभी एंट्री होती है महेंद्र बाहुबली के असली रूप की धनुष में ही 5 से 6 लोगों को धरसही कर रहा था देवसेना यह देखकर चौंक जाती है जी कल को अभी तक वह सीख नहीं पाई और वह मंदबुद्धि उसे कल को भली-भांति जानता था और यह कला को बाहुबली देवसेना को सीखना है और उसके बाद यह दोनों एक ही तीर से अब छह लोगों को मार पा रहे थे मगर दुश्मन अब भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहे थे और इसी वजह से बाहुबली ने एक चाल चली और वह बाढ़ के जमाव पानी को छोड़ देता है जिससे कि वहां पर पूरे राज्य में पानी आ जाता है और उसे रास्ते से बहने वाले सैनिक भी बह जाते हैं ऐसी बेहतरीन प्लेन को देखकर वह सभी चौंक जाते हैं  फिर भी देवसेना को गुस्सा था कि आखिर यह इंसान है कौन और वह उसके सामने जलते हुए लकड़ी से बाहुबली के सीने पर मार देती है और उस आज से बाहुबली का कपड़ा जल जाता है और माहिष्मती साम्राज्य चिन्ना नजर आता है तब जाकर कुंतल राज्य को पता चलता है कि जिसका रिश्ता मेरे लिए आया था वह और कोई नहीं बल्कि बाहुबली था मगर इस वक्त बाहुबली को उसकी मां के द्वारा भेजा गया संदेश प्राप्त होता है जिसमें लिखा हुआ था कि कुंतल राज्य के राजा की बेटी को मेरे पास बंदी बनाकर लाया जाए मगर बाहुबली देवसेना से प्यार करता तो था मगर मां के आदेश की अवहेलना भी नहीं कर सकता था इसीलिए देवसेना को बंदी बनाकर माहिष्मती साम्राज्य ले जाता है मगर साथ ही बाहुबली देवसेना को वचन देता है कि मेरी शादी तुमसे ही होगी जिसके लिए देवसेना बंदी बनने के लिए भी तैयार हो जाती है अब जैसा की इस लड़ाई के बीच बंद को तोड़ने की वजह से पानी भर चुका था तो वह नाव में बैठकर माहिष्मती साम्राज्य के लिए निकल जाते हैं और शिवगामी के सामने बाहुबली देवसेना को पकड़ कर ले आता है उसके बाद शिवगामी पूछता है कि मेरे बेटे का रिश्ता तुम्हें पसंद क्यों नहीं आया आखिर क्या कमी है मेरे बेटे में बिना सोचे समझे यह कहती है कि मुझे बाहुबली पसंद है मैं उसे वक्त समझ नहीं पाई इसके लिए मुझे माफ कर दे या सुनकर शिवगामी रहती है कि नहीं बहू मैं तुम्हारे लिए भल्लाल देव को चुना है जिस पर देवसेना काफी ज्यादा गुस्सा हो जाती है और कहती है मैंने तो अपने पति के रूप में बाहुबली को मान लिया है मैं इसके अलावा और किसी के बारे में सोच भी नहीं सकती उसके बाद कुछ सवाल जवाब बाहुबली के साथ भी होते हैं और वह कहता है की मां  मैंने देवसेना को वचन दिया है उसे अपने धर्मपत्नी बनाने का 

और यह सुनकर शिवगामी काफी गुस्सा हो जाती है और वह गुस्से में आकर या निर्णय लेती है कि आज से माहिष्मती सिंहासन का राजा बाहुबली नहीं बल्कि भल्लालदेव होगा और साथ ही साथ आज से बाहुबली को बनाया जाता है भल्लालदेव का सेनापति इसके बाद पूरे राज्य के सामने बाहुबली यह शपथ लेता है कि अबनेन्द्र  बाहुबली यानी मैं मेरी मां शिवगामी को साक्षी मानकर यहां शपथ लेता हूं कि अगर राजा की जान बचाने के लिए मुझे अपने प्राण त्यागने पड़े तो संकोच नहीं करूंगा और तभी से भल्लालदेव माहिष्मती साम्राज्य का राजा बन जाता है 

इसके बाद समय का चक्र आगे बढ़ता है और एक ऐसा वक्त आता है जब मंदिर में पूजा करने के लिए देवसेना को खुद गांव वालों के साथ में लाइन में लगना पड़ता है लेकिन तभी एक  सैनिक शिव मंदिर में आई हुई हर लड़की पर बुरी नजर डाल रहा होता है और बदसलू की कर रहा होता है या सब कुछ देखते हुए देवसेना को गुस्सा आ जाता है और जब देवसेना उसे सैनिक के सामने आती है तो वह सैनिक  देवसेना पर हाथ डालने की कोशिश करता है मगर देवसेना वहीं पर उसकी उंगलियां काट देती है इसके बाद एक सभा बिताई जाती है जिसके अंदर देवसेना को बंदी बनाकर कारागृह में भेज दिया जाता है क्योंकि वह एक सेनापति की पत्नी है और उसे सभा में बाहुबली भी पहुंचता है और तब तक देवसेना प्रेग्नेंट हो चुकी थी शिवगामी रहती है किसने हमारे सैनिकों की उंगलियां काट दी है तो बाहुबली देवसेना से पूछता है की ऐसा करने के पीछे उसका रीजन क्या था और वहां पर देवसेना बताती है की  वह मंदिर पर चढ़ने वाली हर औरत के ऊपर  गलत नजर डाल रहा था उनके साथ बदसलूकी   कर रहा था और जब मैं आगे बढ़ी तो उसने मेरे साथ भी ऐसे करने की कोशिश किया और मैं उसकी उंगलियां काट दी  Baahubali  कहता है गलत किया है तुमने देवसेना औरत पर हाथ डालने वाले की उंगलियां नहीं काटते  हैं काटते हैं उसका गला और तभी इस बोली के विराम लगाते ही बाहुबली की तलवार निकाल कर उसे सैनिक की गले को काट कर रख देती है इस सभा में इस कत्लेआम को देखकर  शिवगामी उसे वहां से बाहर निकाल देती और कहती  है कि आज से तुम एक आम इंसान की जिंदगी जिओगे जिसके  बाद बाहुबली और देवसेना गांव में जाकर कि नॉर्मल   जिंदगी जीने लगते हैं 

मगर एक राजा तो राजा ही होता है जिसने प्रजा के दिलों में अपनी जगह बनाई हो और इसीलिए वह उसे गांव में भी बाहुबली शान से जी रहा था जैसे कि उसे गांव का राजा हो  मगर यह सब देखकर भी भल्लालदेव को सहन नहीं हो रहा था और फिर से वह एक चाल चलता है और अपने पर झूठे हमले में कुमार वर्मा को जान से मरवा देता है और अपनी  मां शिवगामी तक संदेश पहुँचता  है कि मुझ पर हमला बाहुबली ने करवाया है उसे राजा बनने का शौक था और आपने मुझे राजा घोषित किया और यह देखकर उसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ  उसके बाद गुस्से में शिवगामी बिना कुछ सोचे समझे कटप्पा यानी कि अपने सबसे वफादार सिपाही को बुलाकर यह कहती है कि जाकर बाहुबली को मार दो

और कटप्पा के सामने कोई और रास्ता नहीं था उसने अपनी वफादारी माहिष्मती साम्राज्य के लिए सौंप दी थी और उसे ऐसा करना पड़ता है और अपने निर्दय हाथों से बाहुबली को जान से मार देता है और इस वक्त पर भल्लालदेव आ जाता है और उससे कहता है कि मेरे पालतू कुत्ते तूने बिल्कुल सही काम किया मुझे तो लग रहा था कि तू अपनी वफादारी से मुकर जाएगा मगर आज मुझे पता चला कि तू हमारा कितना वफादार है तू नहीं जानता कि मेरी चाहत इस राज्य के राजा बनने की थी और जब तक बाहुबली जिंदा था वह कहीं भी रहता तो वह राजा ही कहलाता इसीलिए मैंने तेरे हाथों से बाहुबली को मरवा दिया 

यह सुनकर कटप्पा के पैरों के नीचे से जमीन निकल जाती है क्योंकि अब तक उसे समझ आ गया था कि यह सब भल्लालदेव की एक चाल थी जहां पर फिर से वह शिवगामी के पास जाता है और वह सारी बातें बताता है वह कहता है कि बस अपने गुस्से में आकर यह निर्णय ले लिया था मगर आपने यह कभी जानने की जरूरत नहीं समझी कि कौन गलत है और कौन सही  राजगद्दी को हथियाने के लिए उसने जानबूझकर यह षड्यंत्र खेला है और आपने उसके बहकावे में आकर मेरे द्वारा इस राज्य की मर्यादा को मिटा दिया है और यह सुनकर शिवगामी की आंखों में आंसू आ जाते हैं दूसरी ओर देवसेना एक बेटे को जन्म देती है और अब तक सच्चाई शिवगामी के सामने आ चुकी थी और शिवगामी पूरे राज्य के सामने यह ऐलान करती है किस राज्य का असली हकदार असली राजा महेंद्र बाहुबली होगा यह सुनकर भल्लालदेव को सहन नहीं होता है और इस बच्चे को मरवाने की षड्यंत्र फिर से रचता है और यह कहानी पहले पाठ के फ्लैशबैक में पहुंच जाती है जहां पर फर्स्ट पार्ट की स्टार्टिंग में हमने शिवगामी को कुछ सैनिकों से बचकर भागते हुए देखा था और उसे बच्चों को हाथ में लेकर  खड़ी करती है और अपनी दम तोड़ देती है और इसी के साथ कहानी प्रेजेंट टाइम में इन कर जाती है जहां पर सभी लोग महेंद्र बाहुबली का साथ देने के लिए तैयार हो जाते हैं और वह उसके योग्य भी था महेंद्र बाहुबली का में मोटिव था अपनी मां देवसेना को उसे जल्लाद भल्लालदेव के कब्जे से छुड़वाना और फिर एक जंग की शुरुआत होती है जहां पर इस मूवी की फाइट देखने के बाद आपको समझ में आएगा की जंग में हिम्मत से ज्यादा प्लानिंग की भी जरूरत है भल्लालदेव पहले पाठ में उसे किए हुए इस ब्लड वाले रथ को उसे करता है और सब को काटने लग जाता है 

जहां पर एक तरफ भल्लालदेव का पलड़ा बाहुबली के तरफ भारी पड़ रहा था और बाहुबली की सेवा उनके सामने घुटने टेकती हुई नजर आती है उसके बाद महेंद्र बाहुबली अपने बाप यानी कि अभिनेंद्र बाहुबली के दिमाग को  यूज़ करता है और यकीन मानिए इस मूवी की रणनीति कितनी अच्छी है कि आप इस मूवी में खो जाएंगे ऐसी रणनीति यकीन से हमने किसी भी मूवी में नहीं देखी है हो सकता है कि आपने देखी हो तो कमेंट में जरूर बताएं उसके बाद इन दोनों के बीच अच्छी खासी फाइट होती है और वहीं पर इस बात का भी हमें पता चलता है की टोटल 26 साल पूरे हो चुके हैं और आज फिर से रक्षा दहन का उत्सव होने वाला है जैसा कि आज से 26 साल पहले इस रस्म को शिवगामी ने पूरा किया था और वैसा ही इस रस्म को अब देवसेना पूरा करेगी अपने सिर पर अग्निकुंड रखकर बिना अपने कदम को रोके राकश दहन करेगी मगर भल्लालदेव और महेंद्र बाहुबली के बीच जमकर लड़ाई होती है इसी बीच भल्लालदेव देवसेना जो पुल को क्रॉस करने वाली थी उसे तो करवा देता है मगर यहां पर चलेंगे की बात यह थी कि देवसेना के पर रुकने भी नहीं चाहिए थे और महेंद्र बाहुबली और भल्लालदेव की बीच की लड़ाई इस स्वर्ण मूर्ति पर होती है जिसमें कि उसे स्वर्ण मूर्ति  का सर टूट कर इस पुल के पास गिरता है और उसे कर के ऊपर देवसेना अपना पैर रखकर 26 साल से जो चिता संजोग रही थी उसमें आग लगा देती है और फिर महेंद्र बाहुबली भल्लालदेव को इस चिता पर लिटा देता है और भल्लालदेव की कहानी यहीं पर  खत्म हो जाती है शिव यानी कि महेंद्र बाहुबली यानी अमरेंद्र बाहुबली का बेटा था जिसने झुकना नहीं सीखा था लाल देव की चीखें महिष्मति की दीवारों को हिला कर रख देती है और उसके बाद  शिवा को माहिष्मती साम्राज्य का राजा घोषित कर दिया जाता है बाहुबली पार्ट 3 की तीसरी कहानी  भल्लालदेव के उसे स्वर्ण मूर्ति से शुरुआत होगी और भल्लालदेव  की मौत का बदला उसकी बीवी महेंद्र बाहुबली से  लगी और यहीं पर मैं अपनी जुबान को विराम देता हूं और यह शानदार कहानी यहीं पर खत्म हो जाती है

तो फ्रेंड्स इस मूवी की रिव्यू आपको कैसी लगी आप हमें जरूर बताइ इस मूवी को अगर आप देखना चाहते हैं तो के कमेंट बॉक्स में आपको उसका लिंक मिल जाएगा आप वॉच कर सकते हैं बिल्कुल फ्री

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