“Liger फ्लॉप क्यों हुई? Vijay Deverakonda की सबसे बड़ी गलती?”
नमस्कार दोस्तों!
आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी फिल्म के बारे में, जिसे लेकर फैन्स में जबरदस्त क्रेज था... लेकिन जो आई, तो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह गिर गई।
जी हां – हम बात कर रहे हैं Vijay Deverakonda और अनन्या पांडे स्टारर फिल्म LIGER की।
इतनी बड़ी स्टारकास्ट, जबरदस्त प्रमोशन, और ऊपर से Karan Johar का प्रोडक्शन – फिर भी ये फिल्म चली नहीं।
आखिर Liger फ्लॉप क्यों हुई?
चलिए जानते हैं – "क्या गया गलत?"
🔵 [Section 1: उम्मीदें और क्रेज
Liger की अनाउंसमेंट के साथ ही एक तगड़ा माहौल बन गया था।
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Vijay Deverakonda का ये पहला पैन-इंडिया डेब्यू था।
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फिल्म में था एक अनोखा कॉम्बिनेशन – MMA Fighter और मां का इमोशनल एंगल।
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Trailer आते ही यूट्यूब पर मिलियन व्यूज हुए, और लोगों को लगा कि ये फिल्म धमाका करेगी।
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और सबसे बड़ी बात – Mike Tyson का स्पेशल अपीयरेंस! Bollywood में पहली बार!
लेकिन... फिल्म जब आई, तो सबका उत्साह फीका पड़ गया। क्यों? आइए अब बात करते हैं असली कारणों की।
🔴 [Section 2: क्या-क्या गलत हुआ
🧩 1. कमजोर स्क्रिप्ट
फिल्म की कहानी एक MMA फाइटर की है, जो बोल नहीं सकता, लेकिन दिल से लड़ता है।
लेकिन स्क्रिप्ट में ना कोई नई बात थी, ना ही कुछ पकड़ने वाला इमोशनल कनेक्शन।
😬 2. डायलॉग्स जो मज़ाक बन गए
“मैं लाइगर हूं, हाफ टाइगर – हाफ लायन!”
ये डायलॉग फिल्म को कूल बनाने की कोशिश थी, लेकिन सोशल मीडिया पर ये मेमे मटीरियल बन गया।
🎭 3. एक्टिंग का बैलेंस नहीं था
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Vijay की मेहनत तो दिखी – बॉडी, एक्शन, इंटेंस एक्सप्रेशन – सब ठीक था।
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लेकिन अनन्या पांडे की एक्टिंग काफी कृत्रिम लगी।
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ऑडियंस कनेक्ट नहीं कर पाई।
🥊 4. Mike Tyson का कैमियो – सिर्फ दिखावे के लिए
Mike Tyson को दिखाया गया जैसे वो फिल्म का बड़ा हिस्सा होंगे,
लेकिन उनका रोल सिर्फ कुछ मिनटों का था – और वो भी बिना मतलब का।
🎬 5. डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले ढीला
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कहानी का प्रवाह इतना बिखरा हुआ था कि कभी भी कोई मोमेंट ग्रैब नहीं करता।
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ना तो रोमांस जंचा, ना एक्शन में दम था।
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इंटरवल तक ऑडियंस थक चुकी थी।
📉 [Section 3: ऑडियंस रिएक्शन और बॉक्स ऑफिस
फिल्म रिलीज होते ही ट्विटर पर #BoycottLiger ट्रेंड करने लगा।
लोगों ने फिल्म को ‘overhyped’, ‘scriptless’, और ‘cringe’ तक कहा।
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बजट था ₹100 करोड़ से ज़्यादा
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लेकिन फिल्म की कमाई ₹40-50 करोड़ तक ही सिमट गई
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OTT और satellite rights ने थोड़ा बचा लिया, लेकिन theatrical performance एक बड़ी असफलता रही।
🧠 [Conclusion: सीख क्या मिली
Liger हमें ये सिखाता है कि:
सिर्फ स्टारकास्ट या प्रमोशन से फिल्म नहीं चलती।
अगर स्क्रिप्ट और कंटेंट कमज़ोर है, तो पब्लिक रिजेक्ट करने में देर नहीं लगाती।
विजय देवरकोंडा का पोटेंशियल बहुत बड़ा है, लेकिन सही फिल्म और सही डायरेक्टर का साथ होना ज़रूरी है।
आपको क्या लगता है –
क्या Liger को एक और मौका मिलना चाहिए था?
क्या आपने फिल्म देखी? आपकी राय क्या है?
नीचे कमेंट में ज़रूर बताइए।
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