क्या आप जानते है! आखिर क्यों हर एक मांगलिक कार्य में नारियल को ही क्यों फोड़ा जाता है!

Do you know, why coconut is broken in auspicious work, GK in Hindi,


शायद हमें आपको यह बताने की जरूरत नहीं है की हिन्दू धर्म में कई ऐसे रीती-रिवाज है! लेकिन यह जो रिवाज है नारियल फोड़ने का यह हर मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले किया जाता है हम आपको बता दे यह मांगलिक कार्य किसी भी प्रकार का हो सकता है जैसे की अपने नए घर में प्रवेश कर रहे है! नई गाड़ी अपने ली है तो, कोई नया बिज़नेस शुरू कर रहे है! तो, ऐसे कई सारे मांगलिक कार्य में नारियल ही क्यों फोड़ा जाता है इसके पीछे क्या कारण है यह कारण बहुत कम लोग ही जानते है! इसीलिए आज कि हम इस ब्लॉग में आपको यही बताने वाले है! कि आखिर क्यों हर एक मांगलिक कार्य में नारियल को ही क्यों फोड़ा जाता है!

भारतीय सभ्यता के अनुसार नारियल को मंगलकारी और शुभ माना जाता है इसलिए हिन्दू के जहाँ भी पूजा पाठ की बात आती है तो वहाँ नारियल को फोड़ा जाता है या उसे रखा जाता है हिन्दू परंपरा के अनुसार नारियल समृद्धि और सौभाग्य का निशानी होता है नारियल गणेश भगवान को चढ़ाया जाता है और फिर उसी नारियल का प्रसाद बनाकर उसे बांटा जाता है हम आपको बता दें कि नारियल इस धरती पर सबसे पवित्र फल कहलाता है इसलिए लोग इस फल को भगवान को अर्पित करते है!

अगर हम धर्म ग्रंथों की मानें तो महान ऋषि विश्वामित्र को नारियल बनाने का श्रेय जाता है नारियल के ऊपर की सतह इस बात की तरफ इशारा करती है कि कोई भी काम में सफलता पाने के लिए आपको मेहनत करनी होती है नारियल में दो सतह होते है! ऊपर का हिस्सा कठोर होता है और नारियल के अंदर का हिस्सा नर्म और मुलायम होता है और फिर इसके अंदर पानी भरा होता है और वह पानी बहुत ही शुद्ध और पवित्र माना जाता है नारियल के पानी में किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं होती है नारियल भगवान गणेश को बहुत प्रिय है इसलिए कोई भी शुभ कार्य करने से पहले हम विघ्नहर्ता गणेश के प्रिय फल को तोड़कर उसके पानी से छिड़काव किया जाता है जब यह पवित्र पानी चारों तरफ फैलता है तो नकारात्मक शक्ति दूर हो जाती है

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ऐसा कहा जाता है कि जब कोई इंसान नारियल को तोड़ता है तो साथ ही वह सिर्फ नारियल को ही नहीं अपने अंदर के घमंड और अहंकार को भी तोड़ता है और नारियल इंसान के शरीर जैसा दिखता है ऊपर से कठोर और अंदर से मुलायम जब आप इस नारियल को तोड़ते है! तो आप खुद को ब्रह्मांड में सम्मिलित कर लेते है! वो ऐसा इसलिए की नारियल को अगर आप देखेंगे तो उसमें तीन काले रंग के आंख जैसे बने होते है! शास्त्रों में ऐसा लिखा गया है कि यह चिन्ह भगवान शंकर की आँख मानी जाती है इसलिए भी हर एक शुभ कार्य में नारियल को फोड़ा जाता है ताकि आप की हर मनोकामनाएं पूरी हो

शायद आप नहीं जानते होंगे नारियल को संस्कृत में श्रीफल कहा जाता है और श्री का मतलब हिंदी में लक्ष्मी होता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मी जी के बिना कोई भी शुभ काम पूर्ण नहीं होता है। इसीलिए शुभ कार्यों में हर जगह श्री लक्ष्मी की पूजा जो कर सकते हैं वो तो कर लेते हैं और जो नहीं कर पाते हैं वो विघ्नहर्ता गणेश के प्रिय फल और भगवान शंकर की आँख जिसमे बनी है और जो फल में स्वयं माँ लक्ष्मी का नाम हो उस फल का इस्तेमाल अवश्य होता है संस्कृत में नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। जैसा कि आपने पुरानी भक्ति टीवी शो में सुना होगा की कल्पवृक्ष सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। तो इसका दूसरा कारण यह भी है इसलिए नारियल को हर एक शुभ कार्य में थोड़ा जाता है और उसी प्रसाद को सब में बांटा जाता है

तो फ्रेंड्स हम उम्मीद करते है! इस ब्लॉग से आप समझ पाए होंगे कि आखिर नारियल को ही क्यों शुभ कार्यों में भूरा फोड़ा जाता है और उसके प्रसाद को बांटा जाता है

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