आटे से बने दीपक क्यों जलाये जाते है, आटे के दीये, 10 काम की बातें, मनोकामना पूर्ण दीपक, Why Are Lamps Made of Flour Lit, Wish Lamp

10 काम की बातें, आटे के दीये को बनाकर क्यों जलाया जाता हैं,



कभी न कभी आपने भी मंदिरों में आटे के दीये जलते हुए या किसी को जलते हुए देखा होगा मगर शायद आप नहीं जानते होंगे कि आटे के दीये बनाकर क्यों जलाया जाता है? आइए आज हम आपको इस बारे में बताने वाले हैं


ऐसा माना जाता है बहुत बड़ी मनोकामना की पूर्ति आटे के दीपक का प्रयोग किया जाता है।

अधिकतर देखा जाता है यह मन्नत के दिए आटे के दीये बनाए जाते हैं

अन्य किसी और दीपक की तुलना में आटे के दीये को पवित्र और शुभ माना जाता है। आटे के दीये बनने की वजह से माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद इस दीपक को आसानी से मिल जाती है।

माँ दुर्गा, हनुमान जी, श्री गणेश, भोलेनाथ, विष्णु जी, श्रीराम और श्रीकृष्ण के मंदिरों में आटे का दीपक मनोकामना की पूर्ति के लिए जलाया जाता है।

तांत्रिक क्रियाओं में मुख्य रूप से आटे का दीप जलाई जाती हैं।

1. कर्ज से मुक्ति के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
2. शीघ्र विवाह के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
3. नौकरी के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
4. बीमारी के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
5. संतान प्राप्ति के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
6. खुद का घर के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
7. गृह कलह के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
8. पति-पत्नी में विवाद के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
9. जमीन जायदाद के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
10. कोर्ट कचहरी में विजय के लिए आटे से बने दीपक जलाये जाते हैं, 
11. झूठे मुकदमे तथा घोर आर्थिक संकट के निवारण हेतु के लिए आटे से बने दीपक संकल्प के अनुसार जलाए जाते हैं।

आटे से बने दीपक की संख्या घटते बढ़ते क्रम में जलाए जाते हैं। एक दीपक से शुरुआत कर के उसे 11 दीपक तक ले जाया जाता है। 

जैसे संकल्प के पहले दिन 1 फिर 2, फिर 3, फिर 4 , फिर 5 और इस तरह से 11 दीपक जलाने के बाद फिर से पहले दिन 10, फिर 9, फिर 8, फिर 7 ऐसे फिर घटते क्रम में दीप जलाए जाते हैं।

इस तरह के दीपक को आटे में हल्दी मिला कर गुथा जाता है और हाथों से उसे दीपक का आकार दिया जाता है। फिर उसमें घी या तेल डाल कर रूई की बत्ती को बनाकर जलाया जाता है।

मनोकामना पूरा होने के बाद बनाए हुए आटे के संकल्पित दीये मंदिर में जलाए लगाए जाते हैं।

अगर मान लीजिए कि आपने 11 दीपक जलाने का संकल्प लिया है और आपकी मनोकामना 11 दीपक जलाने से पहले ही हो चुकी है तो उस अगर क्रम को खंडित न करें। संकल्प में लिए गए पूरे दीपक को जलाएं। अगर आप आटे के दीपक कुछ जलाना चाहते हैं तो आप कोई भी अच्छा दिन, या कोई भी अच्छे वार के शुभ मुहूर्त मैं और चौघड़िया में दीपक जलाने की मनोकामना को रखा जा सकता है। हर दीप को जलाने के समय अपनी मनोकामना जरूर दोहराएँ।

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